2014-01-03 14:20:11

संत पापा फ्राँसिस ने की नये येसुसमाजी संत पीटर फाबेर के लिये आयोजित धन्यवादी समारोह की अध्यक्षता


संत पापा फ्राँसिस ने की नये येसुसमाजी संत पीटर फाबेर के लिये आयोजित धन्यवादी समारोह की अध्यक्षता
रोम, शुक्रवार 3 जनवरी, 2014 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने रोम स्थित येसु समाजियों के मुख्य गिरजाघर ‘कियेसा दि जेसु’ (येसु का प्रार्थनालय) में येसु के पवित्र नाम के पर्वोत्सव पर यूखरिस्तीय बलिदान चढ़ाया और येसु समाजियों के नये संत पीटर फाबेर के लिये धन्यवाद दिया।
यूखरिस्तीय बलिदान में अपने प्रवचन में संत पापा फ्राँसिस ने कहा, "हम जेस्विट चाहते हैं कि हमें येसु के नाम से जाना जाये और हम क्रूस के मापदंड से आगे बढ़ें और उन भावनाओं का अनुभव करें जिन्हें प्रभु येसु ने किया। इसका अर्थ है उसी के समान सोचना, प्यार करना, कार्यों को करना, अपने को दूसरों को देना अर्थात उसी के समान बनना।"
संत पापा ने कहा, " येसु का ह्रदय ईश्वर का ह्रदय है जो प्रेम से भरा है। प्रेमरहित ह्रदय खोखला है। आज प्रत्येक येसु समाजी जो येसु का अनुसरण करता है उसे चाहिये कि वह अपने आपको निर्धन बनाये, स्वकेन्द्रित न बने पर येसुक्रेद्रित बने। यदि येसुसमाज ईश्वर केन्द्रित नहीं है तो समाज अव्यवस्थित रहेगा।"
उन्होंने कहा कि येसुसमाजी होने का अर्थ है सदा ईश्वर की महत्तर महिमा खोजने के लिये व्याकुल रहना और यह व्याकुलता पवित्र और सुन्दर है।
संत पापा ने कहा 17 दिसंबर को संत घोषित हुए संत पीटर फाबेर ने भी येसु समाज के संस्थापक संत इग्नासियुस से इसी व्याकुलता और निर्णय लेने की कली को सीखा था।
उन्होंने कहा, "एक सच्चे विश्वास में दुनिया को बदलने की एक तीव्र इच्छा होती है। संत अगुस्टीन कहा करते थे कि हम प्रार्थना करें ताकि हममे कुछ करने की तमन्ना हो और यह इच्छा या तमन्ना हमारे दिल को विशाल बनाये। "
संत पापा ने कहा कि जब हमारा दिल ईश्वर केंद्रित होगा तब ही हम दुनिया के कोने-कोने में जा सकेंगे। पीटर फाबेर के बारे में कहा जाता है कि उनका जन्म एक जगह बैठने के लिये नहीं हुआ था। वे एक शालीन व्यक्ति और संवेदनशील थे जिनमें दुनिया के हर प्रकार के लोगों से मित्रता करने की अद्भुत क्षमता थी।
संत पापा ने कहा कि हम जेस्विट विरोधाभाषी, परस्पर विरोधी और कमजोर है फिर भी येसु के अवलोकन में कदम बढ़ाते हैं और येसु की इच्छा के अनुसार जीने की तमन्ना रखते हैं।
















All the contents on this site are copyrighted ©.