धरवाड़, शुक्रवार, 3 जनवरी 2014 (उकान): भारत के कर्नाटक राज्य में एक अद्वितीय परम्परा
है जहाँ के एक मंदिर में बाईबिल की पूजा की जाती है। धरवाड़ जिले के धवलगंध शहर स्थित
मंदिर का पुजारी अजाता नागागिंस्वामी बाइबिल को फूल, आरती एवं धूप अर्पित करता है। मंदिर
के प्रमुख पुजारी विरेन्द्रस्वामी ने कहा कि बाईबिल की यह प्रति जर्मन मिशनरी समिति
द्वारा लंदन एवं वेस्लेयान मिशनरी सोसाईटी द्वारा बैंगलोर में सन् 1865 ई. में प्रकाशित
की गयी थी। विदित हो कि बाईबिल पूजा के पीछे एक सुन्दर कथा है, जब बागालकोट जिले स्थित
मुस्तिजेरी गाँव के कलाप्पा माता देवी की पूजा करता था। उस समय मिशनरियों का एक दल मंदिर
के दर्शन के लिए आया था और उन लोगों ने मंदिर के पुजारी को बाईबिल की एक प्रति भेंट की
थी। जब नागागिंस्वामी कालाप्पा के सम्पर्क में आया तो उसने बाईबिल को छिपा लिया।