2014-01-02 15:05:42

नयी भूमि अधिग्रहण अधिनियम का स्वागत


नई दिल्ली, बृहस्पतिवार 2 जनवरी 2014 (उकान): भारत के हजारों दलित, आदिवासी एवं किसानों के उत्थान हेतु बने संगठन ‘नेशनल एलायंस फॉर पीपल्स मूवमेंट’ (एनएपीएम) ने नए भूमि अधिग्रहण कानून का स्वागत किया है।
नया अधिनियम संसद द्वारा पिछले साल ही अधिनियमित किया गया था जो बुधवार को पारित कर दिया गया। इसका उद्देश्य उन किसानों को उचित मुआवज़ा, पुनर्वास और पुनर्स्थापन प्रदान करना है जिनकी जमीन विकास के नाम पर ले ली गई थी।
एनएपीएम के वक्तव्य में कहा गया कि पुराने अधिनियम से कई समुदाय नष्ट हो गये थे तथा उनकी सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिस्थितियाँ तहस-नहस हो गयी थी, साथ ही साथ कृषि एवं जीविका पर भी गंभीर रूप से प्रभाव पडा था। इस अधिनियम का स्थान एक नये अधिनियम ने ले लिया है जो आदिवासियों, दलितों, किसानों, मछुओं तथा ग़रीबों द्वारा दशकों के संघर्ष का परिणाम है।
नये अधिनियम में ग्राम सभा के लिए सहमति, निजी परियोजनाओं के लिए 80 प्रतिशत भूमि धारकों की सहमति, पुनर्वास में आदिवासियों को प्रति परिवार 2.5 एकड़ भूमि, कम से कम भूमि अधिग्रहण तथा खेती योग्य भूमि का वितरण आदि शामिल है।
एनएपीएम ने कहा है कि जब हम इस परिवर्तन का स्वागत कर रहे हैं तो हमें चाहिए कि हम प्राकृतिक संसाधनों के प्रति अपने संघर्ष को बृहद एवं मजबूत बनाये रखने का प्रण करें।








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