वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 26 दिसम्बर 2013 (वीआर सेदोक): वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर
के प्रांगण में, 24 दिसम्बर की संध्या परम्परागत रूप से शांति दीप का प्रज्वलन करते हुए
चरनी का अनावरण महागिरजाघर के प्रशासक कार्डिनल कोमास्त्री ने किया। महागिरजाघर के
प्रांगण में स्थापित चरनी, संत पापा फ्राँसिस को नेपल्स धर्मप्राँत द्वारा भेंट की गयी
है। चरनी भेंट करने की प्रक्रिया एक समारोह में सम्पन्न हुई जिसमें प्रशासन के अध्यक्ष
कार्डिनल जुसेपे बेरटेल्लो एवं वाटिकन सिटी में संत पापा के प्रतिनिधि अंजेलो कोमास्त्री
उपस्थित थे। चरनी में बालक येसु के चारों ओर ग़रीबों को दर्शाया गया है जो संत पापा
फ्राँसिस के निमंत्रण एवं असीसी के संत फ्राँसिस की याद दिलाती है। वाटिकन सिटी प्रशासन
के अध्यक्ष कार्डिनल जुसेपे बेरटेल्लो ने कहा कि चरनी में दर्शाये गये संत फ्राँसिस
के जीवन का कालक्रम द्वारा हमने सादगी, ग़रीबी एवं दीनता को महिमान्वित किया है। जिसमें
तीन प्रमुख ख्रीस्तीय सदगुण निहित हैं। उन्होंने कहा, "ईश्वर अपने पुत्र द्वारा हमारे
बीच आते हैं, पुत्र जिन्होंने मानव रूप धारण किया, उन्होंने एक बालक एवं गरीब जीवन को
अपनाया। इस प्रकार वे हमें उन तीन सद्गुणों को जीना सिखाते हैं।" कार्डिनल ने कहा
कि बेथलेहेम की ग़रीबी एक आकस्मिक घटना नहीं है किन्तु ईश्वर की योजना से चुनी गयी है।
येसु ने ग़रीबी को अपनाया हमें यह याद दिलाने के लिए कि अनेकानेक मनोरंजक साधनों से सच्चा
आनन्द प्राप्त नहीं किया जा सकता और न ही धन से, जैसा कि बहुत से लोग कल्पना पर विश्वास
करते हैं सच्ची खुशी तो बेसहारों की भलाई करने एवं रोने वालों के आँसू पोंछने से प्राप्त
होती है। चरनी बेथलेहेम की महान घटना की याद दिलाती है जिसमें एक महान व्यक्ति उत्पन्न
हुए जिन्होंने स्वार्थ के घेरे से बाहर आकर प्यार की दवा से भाइयों-बहनों के घाव चंगा
करता है।