कोच्चिः कोच्चि के यूरोपीय गिरजाघर ने किये 510 साल पूरे
कोच्चि, 23 दिसम्बर सन् 2013 (ऊका समाचार): केरल में यूरोपीय उपनिवेशियों के संघर्ष के
गवाह बने कोच्चि स्थित सन्त फ्राँसिस गिरजाघर ने 510 साल पूरे कर लिये हैं जिसकी स्थापना
का समारोह विगत सप्ताह कोच्चि में एक विशिष्ट शिविर आयोजित कर मनाया गया। फोर्ट
कोच्चि में सेंट फ्रांसिस गिरजाघर का निर्माण सन् 1503 ई. में किया गया था। इसी गिरजाघर
में यूरोप से भारत आने का समुद्री मार्ग खोजनेवाले पहले यूरोपीय वास्को दा गामा को दफनाया
गया था। सन् 1538 ई. में उनके अवशेषों को लिसबन स्थानान्तरित कर दिया गया था। सन्
1498 ई. में वास्को दा गामा कोझिकोडे अर्थात् पूर्व कैलीकट्ट पधारे थे। तदोपरान्त पेद्रो
आलवारेज़ काब्राल तथा आफोन्सो दे अलबूकर्क आये जिन्होंने गोवा को अपने अधिकार में लेकर
उसे पुर्तगालियों के सिपुर्द किया था। कोच्चि के राजा ने यूरोपीय उपनिवेशियों को कोच्चि
में एक दुर्ग के निर्माण की अनुमति दे दी थी जिसमें उन्होंने सन्त फ्राँसिस गिरजाघर का
निर्माण करवाया था। पुर्तगालियों के अधीन फ्राँसिसकन धर्मसमाजी गिरजाघर की देखरेख करते
रहे थे। सन् 1663 ई. में डच उपनिवेशियों के आक्रमण के समय कोच्चि के सभी काथलिक गिरजाघरों
को ध्वस्त कर कैलवनिस्ट प्रॉटेस्टेण्ट गिरजाघरों का निर्माण किया गया था किन्तु सन्त
फ्रांसिस गिरजाघर ज्यों का त्यों बना रहा। सन् 1923 ई. में सन्त फ्राँसिस गिरजागर
को, 1904 के संरक्षित स्मारकों के कानून के तहत, संरक्षित स्मारक घोषित कर भारतीय पुरातत्व
सर्वेक्षण के अधीन कर दिया गया था। रविवारों को गिरजाघर में ख्रीस्तयाग अर्पित किया जाता
है तथा सप्ताह के दिनों में यह दर्शकों के लिये खुला रहता है।