आतंकवाद के बाह्य समर्थन से लड़ने का राष्ट्रपति ने किया आह्वान
नई दिल्ली, शुक्रवार, 20 दिसम्बर 2013 (उकान): भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने 19
दिसम्बर को, विज्ञान भवन में वार्षिक इंटेलीजेंस ब्यूरो सेंटेनरी बंदोबस्ती व्याख्यान
में देश एवं राज्य के बाहर से आतंकवाद के समर्थन से लड़ने का आह्वान किया। उन्होंने
कहा, "हमें उन आतंकवादियों के विरूद्ध लड़ना है जिन्हें देश के बाहर का समर्थन प्राप्त
है। राज्य एवं ग़ैर-राज्य विरोधी कार्यकर्ता लगातार देश में अस्थिरता लाने के प्रयास
में लगे हैं जिसके कारण हमारी सुरक्षा में कई ओर से चुनौतियाँ आ सकती हैं।" उन्होंने
कहा कि भारत की सामाजिक शांति एवं एकता में वामपंथी उग्रवाद एक अन्य गम्भीर आतंक है।"
उन्होंने कहा कि तकनीक में तेजी भी आतंक की समस्या का कारण है। सामाजिक संचार माध्यमों
का दुरुपयोग एक नया हथियार बन गया है जिसके द्वारा विश्व एवं राष्ट्र विरोधी तत्व आतंक
फैलाने का काम करते हैं। राष्ट्रपति ने बेहतर रणनीति और तकनीक अपनाते हुए आतंकवाद
पर विजय पाने तथा सुरक्षा व्यवस्था हेतु नई चुनौतियों के लिए तैयार होने की आवश्यकता
पर बल दिया।