वाटिकन सिटी, मंगलवार, 17 दिसम्बर 2013 (वीआर सेदोक): वाटिकन स्थित प्रेरितिक प्रासाद
के संत मार्था प्रार्थनालय में संत पापा फ्राँसिस ने 17 दिसम्बर, अपने जन्म दिवस के अवसर
पर वाटिकन कर्मचारियों के साथ पवित्र मिस्सा अर्पित किया। उन्होंने उपदेश में येसु की
दयालुता पर प्रकाश डाला। संत पापा ने सुसमाचार पाठ पर चिंतन करते हुए कहा, "ईश्वर
हमें कभी अकेला नहीं छोड़ते किन्तु हमेशा हमारे साथ चलते हैं।" सुसमाचार एक विशुद्ध इतिहास
है तथा इसका एक महत्वपूर्ण विषय है। यह ईश्वर के कारण एक वास्तविक इतिहास। ईश्वर ने अपने
पुत्र को इस संसार में भेजा। येसु पिता ईश्वर के साथ एक हैं किन्तु येसु को अपनी माँ
से भी अलग नहीं किया जा सकता है। यह माता के साथ उनकी संयुक्ति है। ईश्वर ने इतिहास की
रचना की है उन्होंने मानव जाति के साथ यात्रा किया है। संत पापा ने कहा कि ‘प्रथम
पाप’ यानी ‘आदि पाप’ के पश्चात् ईश्वर ने हमारे साथ यात्रा करने के लिए स्वर्ग में विचार
किया। उन्होंने अब्राहम को बुलाया तथा उनके बाद कई अन्य लोगों को भी। इस सूची में हम
संतों को पाते हैं किन्तु इस में पापी भी शामिल हैं। पापी जिन्होंने ईश्वर की योजना को
कभी ध्यान नहीं दिया पर उनके साथ ईश्वर ने इतिहास बनाया, जैसा कि सुलेमान। ईश्वर
ने खुद को अब्राहम, इसाहक एवं याकूब का ईश्वर कहा। आज वे हमारा नाम लेते हैं। वे हमारे
ईश्वर हैं। कृपाओं का इतिहास। यही है ईश्वर की दीनता, धीरज एवं हमारे लिए उनका प्यार।
संत पापा ने कहा कि ईश्वर का आनन्द है हमें जीवन देना। हम ईश्वर को अपने इतिहास की
रचना करने दें यही हमारे लिए क्रिसमस संदेश है। पवित्र मिस्सा के उपरांत संत पापा
ने सभी से व्यक्ति मुलाकात की। पवित्र मिस्सा में कर्मचारियों के अलावा मोनसिन्योंर कोनराड
क्रजेवस्की ने भाग लिया, जिनके साथ 3 बेघर व्यक्ति भी थे जो वाटिकन के नजदीक रहते हैं।
प्रेरितिक आवास के संचालक के साथ दल ने गीत गाकर संत पापा को जन्म दिवस की शुभकामना अर्पित
की।