संत पापा फ्राँसिस ‘टाइम्स’ पत्रिका के "पर्सन ऑफ द ईयर" घोषित
वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 12 दिसम्बर 2013 (वीआर, सेदोक): संत पापा फ्राँसिस को ‘टाइम्स’
पत्रिका ने वर्ष 2013 का "पर्सन ऑफ द ईयर" घोषित किया है। टाइम्स की संपादक नैंसी
गिब्स ने कहा कि शायद ही कोई और ऐसा व्यक्ति हो जिसने इतनी जल्दी विश्व मंच पर सबका ध्यान
अपनी तरफ खींचा है। टाइम्स ने अपनी वेबसाइट में संत पापा फ्राँसिस को पर्सन ऑफ द ईयर
2013 घोषित किये जाने के कारणों को प्रकाशित करते हुए कहा, "वे नयी दुनिया अर्थात् लैटिन
अमरीका के प्रथम संत पापा हैं। यह एक ऐतिहासिक घटना है। वे ऐसे समय में संत पापा बने
हैं जब कलीसिया को संभालने के लिए अधिक ताकत की आवश्यकता थी। कलीसिया को संभालने के लिए
उनकी अपनी विशिष्टता है जो किसी बाह्य स्रोत से नहीं आती। वे 77 वर्ष के हो चुके हैं।
वे उन लोगों का आलिंगन करते हैं जिन्हें छूने में भी हिचकिचाहट होती है। वे अपराधियों
के पाव धोते हैं। वे चाहते हैं कि कलीसिया एक रणभूमि की तरह हो जो हर जरूरतमंद, अनाथ
एवं निराश व्यक्ति की प्यार से मदद करे। वे विशेषकर ग़रीबों पर अधिक ध्यान देते हैं जो
एक सशक्त संदेश है। इस कारण सन् 1960 ई. के दशक की कलीसिया को वापसी के प्रयास में काफी
कामयाबी हासिल हुई है।" संत पापा फ्राँसिस की अत्यधिक लोकप्रियता का कारण बताते हुए
टाइम्स में कहा में कहा गया कि संत पापा कलीसिया में उन लाखों लोगों को पुनः वापस ले
आये हैं जिन्होंने अपना विश्वास पूरी तरह खो दिया था। वाटिकन प्रवक्ता एवं महानिर्देशक
जेस्विट फादर फेदरिको लोम्बारदी ने टाइम्स द्वारा संत पापा को पर्सन ऑफ द ईयर घोषित किये
जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह कोई चौकाने वाली बात नहीं है। यह एक सकारात्मक
चिन्ह है कि अन्तरराष्ट्रीय प्रेस क्षेत्र का प्रतिष्ठित पुरस्कार उस व्यक्ति को दिया
गया जो विश्व के आध्यात्मिक, धार्मिक एवं नैतिक मूल्यों की उद्घोषणा करता तथा शांति एवं
न्याय के पक्ष में प्रभावशाली ढंग से बोलता है। संत पापा अपने लिए कोई नाम या यश की
कामना नहीं करते क्योंकि यह उनका कर्तव्य है कि ईश प्रेम के सुसमाचार का प्रचार करें
और यदि यह लोगों को आशा प्रदान करती है तो संत पापा इससे प्रसन्न हैं।