वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार 12 दिसम्बर 2013 (वीआर सेदोक): वाटिकन स्थित प्रेरितिक प्रासाद
के संत मार्था प्रार्थनालय में पवित्र मिस्सा अर्पित करते हुए संत पापा फ्राँसिस ने 6
दिसम्बर को उपदेश में शांत होकर प्रभु के आगमन का इंतजार करने की सलाह दी। उन्होंने
कहा, "हम ख्रीस्त जयन्ती मनाने की तैयारी कर रहे हैं हम इस तैयारी को अधिक अच्छी तरह
से कर सकते हैं यदि हम पितृ एवं मातृ तुल्य प्यार भरी ईश्वर की आवाज को शांत रह कर सुनने
का प्रयास करें।" संत पापा ने उपदेश में नबी इसायस के ग्रंथ से लिए गये पाठ पर चिंतन
किया जहाँ कहा गया है, "प्रभु क्या कहते हैं, वे किस प्रकार बातें करते हैं? एक माता
एवं पिता जिस तरह अपने बच्चों से बातें करते हैं ठीक उसी तरह ईश्वर हम से बातें करते
हैं।" संत पापा ने कहा कि जिस प्रकार माता-पिता बच्चों की हर आवश्यकता को पूरा
करने का प्रयास करते हैं बच्चों के साथ उन्हीं की भाषा में बोलते हैं ताकि बच्चे उनके
प्यार को समझ सकें। उसी प्रकार ईश्वर हमारा ख्याल रखते हैं। धर्मग्रंथ में ईश्वर याकूब
से कहते हैं तुम मेरे लिए एक छोटे बालक के समान हो किन्तु मैं तुम से बहुत प्यार करता
हूँ। संत पापा ने नबी एलीशा का उदाहरण देते हुए कहा कि नबी ने शीतल हवा की सरसराहट
में ईश्वर की उपस्थिति का अनुभव किया था। उसी प्रकार हम मौन में ईश्वर की स्नेहिल आवाज
को सुन सकते हैं। शीतल हवा प्रभु की भाषा है। क्रिसमस की तैयारी में साधारणतः काफी शोर-गुल
होता है किन्तु मौन रह कर प्रभु की आवाज सुनकर हम अधिक अच्छी तैयारी कर सकते हैं।