वाटिकन सिटी, बुधवार 11 दिसंबर, 2013 (सेदोक, वी.आर.) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर
पर संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघऱ के प्राँगण में, विश्व
के कोने-कोने से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को इतालवी भाषा में सम्बोधित किया।
उन्होंने
कहा, ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, हम काथलिक कलीसिया के प्रेरितों के
धर्मसार संबंधी धर्मशिक्षामाला को जारी रखते हुए ‘मैं अनन्त जीवन पर विश्वास करता हूँ’
पर चिन्तन करें।
जब येसु महिमा के साथ जीवितों और मृतकों का विचार करने आयेंगे
तो ईश्वर के समक्ष हमें अच्छे और बुरे कार्यों का हिसाब देना पड़ेगा। कई बार हम इस महाविचार
को कुछ घबराहट के साथ स्वीकार करते हैं पर कलीसिया चाहती है कि हम इसे सांत्वना के स्रोत
और आनन्दपूर्ण आशा से ग्रहण करें।
आरंभिक ख्रीस्तीयों ने महाविचार के दिन को
पूरी आशा के साथ ‘मारानाथा’ कहते हुए स्वीकार किया था। उनका मानना था कि यह समय विवाह
के एक महाभोज के समान होगा जिसमें पूरी मानवता ईश्वर के साथ एक हो जायेगी।
महाविचार
के दिन हम सब अकेले नहीं होंगे क्योंकि हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त हमारे अधिवक्ता होंगे
और संतों की पूरी मंडली हमारे साथ होगी। जैसा कि उन्होंने पहले ही कहा कि उन्होंने पुत्र
को इसलिये भेजा ताकि वे दुनिया का उद्धार करें और जो उसमें विश्वास करे उनका विनाश नहीं
होगा।
हम जिस तरह येसु की शिक्षा के अनुसार चलते और अपने पड़ोसियों के साथ वर्ताव
करते उसी के आधार पर प्रत्येक दिन ही ईश्वर का हमारा महाविचार करते हैं। आइये हम
अपने को तैयार करे ताकि हमें पूरे आत्मविश्वास और उसकी प्रतिज्ञाओं पर सहर्ष पूर्ण भरोसा
करते हुए महाविचार का सामना कर सकें।
इतना कह कर, संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा
समाप्त की।
उन्होंने इंगलैंड, वेल्स वियेतनाम, डेनमार्क, नीदरलैंड आयरलैंड, फिलीपीन्स,
नोर्व, स्कॉटलैंड. जापान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और देश-विदेश के तीर्थयात्रियों,
उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों को विश्वास में बढ़ने तथा प्रभु के प्रेम और
दया का साक्ष्य देने की कामना करते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।