वाटिकन सिटीः भुखमरी एक वैश्विक कलंक, सन्त पापा फ्राँसिस
वाटिकन सिटी, 10 दिसम्बर सन् 2013 (सेदोक वी. आर.): सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा है कि
प्रचुर मात्रा में उपलब्ध भोजन के बावजूद लगभग एक अरब लोगों का भुखमरी से पीड़ित होना
वास्तव में विश्व के लिये एक कलंक है। सोमवार को एक विडियो सन्देश में, सन्त पापा
फ्राँसिस ने, विश्व से भुखमरी को दूर करने तथा सबके लिये भोजन उपलब्ध कराने हेतु जीवन
शैली में रचनात्मक परिवर्तन की ज़ोरदार अपील की। विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया के अन्तरराष्ट्रीय
लोकोपकारी संगठन "कारितास इन्तरनासियोनालिस" द्वारा भुखमरी के विरुद्ध "एक मानव परिवार,
भोजन सबके लिये" शीर्षक से आरम्भ, विश्वव्यापी अभियान का उदघाटन करते हुए, सन्त पापा
फ्राँसिस ने विडियो के माध्यम से विश्व के नाम अपना सन्देश प्रसारित किया। सन्देश
में सन्त पापा ने कहा, "खाद्य पदार्थों के अपव्यय एवं विश्व के संसाधनों के ग़ैरज़िम्मेदाराना
उपयोग से बचते हुए लोगों को भुखमरी के विरुद्ध एकजुट होना चाहिये।" उन्होंने कहा कि
लोगों को इस भ्रम में और अधिक नहीं रहना चाहिये कि हमारी दैनिक गतिविधियाँ भुखमरी से
पीड़ित लोगों को प्रभावित नहीं करती। सन्त पापा ने स्मरण दिलाया कि विश्व के लगभग
एक अरब लोग आज भी क्षुधा पीड़ित हैं और ऐसी स्थिति में "हम अपना मुँह दूसरी ओर मोड़ कर
यह नहीं कह सकते कि भुखमरी का अस्तित्व नहीं है।" इस बात की ओर उन्होंने ध्यान आकर्षित
कराया कि विश्व में सबको तृप्त करने के लिये पर्याप्त भोजन है किन्तु ईश्वर द्वारा प्रत्येक
मनुष्य को प्रदत्त भोजन के अधिकार के सम्मान हेतु दृढ़ संकल्प की कमी है। निर्धनों एवं
क्षुधा पीड़ितों को विश्व के संसाधनों में भागीदार बनाकर उन्हें प्रतिष्ठापूर्ण जीवन
प्रदान हेतु सन्त पापा ने समस्त विश्व के लोगों का आह्वान किया। कारितास लोकोपकारी
संगठन द्वारा आरम्भ उक्त अभियान के तहत 10 दिसम्बर से ही सम्पूर्ण विश्व में भुखमरी की
समाप्ति हेतु कार्ययोजनाएं एवं प्रार्थनाएँ की जा रही हैं। यह पहल 10 दिसम्बर को दूसरे
पहर दक्षिणी प्रशान्त द्वीप सामोआ से शुरु होकर सम्पूर्ण विश्व तक विस्तृत होगी। संयोग
से 10 दिसम्बर संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस भी है।