वाटिकन सिटी, सोमवार 9 दिसंबर, 2013 (सेदोक, वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 9 दिसंबर
को वाटिकन सिटी स्थित सांता मार्था निवास के प्रार्थनालय में यूखरिस्तीय बलिदान अर्पित
करते हुए मध्य पूर्वी राष्ट्रों को धार्मिक स्वतंत्रता की अपील की। संत पापा ने मिस्सा
में मिश्र के कोपटिक ख्रीस्तीयों विशेष याद की। उन्होंने इसायस नबी की बातों पर चिन्तन
व्यक्त करते हुए कहा कि आज जब हम प्रभु के आने का इन्तज़ार कर रहे हैं तो हमें चाहिये
कि हम अपने ह्रदय को पुनर्जागृत करें। संत पापा ने कहा कि येसु ने मानवता के पक्षाघात
पर विजय प्राप्त की है पर अंतःकरण का पक्षाघात आज भी विद्यमान है, यह एक छूत की बीमारी
के समान है। यह पूरे सामाजिक तंत्र में फैल जाता है और सबके प्रगति का रोड़ा बन जाता
है। उन्होंने कहा कि येसु की यह आज्ञा ‘उठो और चलो’ पूरी परिस्थिति को बदल सकती है।
संत पापा ने कहा कि हमें चाहिये कि नये पथ खोज़े, ऐसा नया पथ जो हम येसु तक ले जाये।
हम अपने अपने को खोल दे ताकि उसमें प्रवेश कर लोग येसु के करीब आ सके। ऐसा करने से ही
हम मैत्री का, भ्रातृत्व और शांति का नया द्वार बन सकते हैं।