मुम्बई, सोमवार, 9 दिसंबर, 2013 (उकान) भारतीय काथलिक पत्रकार संघ एआईसीजे ने रविवार
8 दिसंबर को अपनी स्वर्ण जुबिली मनायी जिसमें इसके सीनियर पत्रकरा जोसी जोसेफ को सम्मानित
किया गया।
जोसी जोसेफ को सम्मानित करते हुए महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग
की उपाध्यक्ष जानेट लौरेंस डीसूज़ा ने कहा कि जोसेफ को यह विशेष गोल्डन जुबिली पुरस्कार
दिया गया क्योंकि उन्होंने एक निर्भीक काथलिक पत्रकार रूप में तहकीकाती पत्रकारिता
द्वारा नीति परिवर्तन, व्यवस्थित सुधार द्वारा और सरकारी प्रशासन को बेहतर बनाने में
अपनी अहम भूमिका निभायी है।
मालूम हो कि जोसेफ के रिपोर्टों के आधार पर कई सरकारी
अफसरों ने इस्तीफा दिया और कई गिरफ्तार हुए थे और इससे केन्द्रीय और सैन्य छानबीन का
मार्ग प्रशस्त हुआ।
पुरस्कार ग्रहण करने के बाद जोसी जोसेफ ने कहा कि स्वर्ण
जुबिली समारोह सम्मान को वे तहकीकाती कहानियों का नहीं ‘अच्छी रिपोर्ट’ का सम्मान कहना
पसंद करेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत में तहकीकाती पत्रकारिता आसान बनती जा रही
है क्योंकि भ्रष्टाचार की घटनायें बढ़ी हैं। उन्होंने आशा व्यक्त कि आज से 100 वर्ष के
बाद लोगों को साकात्मक कहानियों के लिये पुरस्कृत किया जायेगा न कि भ्रष्टाचार की तहकीकात
के लिये।
मालूम हो कि, जोसेफ को पिछले जुलाई माह में रामनाथ गोएंका एक्सेलेंस
पुरस्कार से सम्मानित किया गया था जब उन्हें ‘जर्नलिस्ट ऑफ़ द इयरट’ पुरस्कार दिया गया
था।
प्रेम भाटिया ट्रस्ट ने उन्हें सन् 2011 में ‘बेस्ट पोलिटिकल रिपोर्टर’के
लिये चुना था और मुम्बई अंडरवर्ल्ड के बारे में रिपोर्टिंग के लिये पत्रकार ज्योतिमोय
दे के साथ संयुक्त रूप से पुरस्कृत किया गया था। पत्रकार ज्योतिमोय दे को 11 जूल 2011
गोली मार दी गयी थी।
मुख्य अतिथि डीसूजा ने आह्वान किया कि काथलिक प्रकाशनों
को चाहिये कि वे अपने प्रकाशन का अधिक भाग समुदाय के विकास में लगायें। सरकारी योजनाओं
में अल्पसंख्यकों के लिये कई योजनायें हैं पर ख्रीस्तीय समुदाय इसका लाभ नहीं उठा रही
है। काथलिक प्रकाशकों का दायित्व है कि लोगों को उन योजनाओं से परिचित करायें।