2013-12-07 15:05:44

बीमारों को स्नेह दिखलाना है - स्वर्गराज्य धरा में लाना


वाटिकन सिटी, शनिवार 7 दिसंबर, 2013 (सेदोक, वीआर) वाटिकन ने 22 वें विश्व रोगी दिवस के लिये संत पापा फ्राँसिस के संदेश को 7 दिसंबर शनिवार को प्रकाशित किया। विश्व रोगी दिवस की विषय वस्तु है विश्वास और प्रेमः "हमें अपने भाइयों के लिये अपना जीवन देना चाहिये" (1योहन3, 16)

संत पापा ने अपने संदेश में कहा, "बीमार भाइयों एवं बहनों कलीसिया के लिये आप, पीड़ित येसु की विशेष उपस्थिति हैं। यह बिल्कुल सत्य है कि रोगियों की पीडा में येसु ख्रीस्त की पीड़ा है जो हमे येसु के करीब लाती और क्रूस के अर्थ को स्पष्ट करती है। येसु, ईश्वर के एकमात्र पुत्र ने हमारे लिये क्रूस उठाया और दुःख की एकान्तता के अंधकार को नष्ट कर उसे आलोकित कर दिया है।"

क्रूस ने हमें ईश्वर की असीम दया के रहस्य को समझाया है और हमें आशा और साहस प्रदान किया है।

संत पापा ने कहा, "मानव बने ईशपुत्र ने मानव बीमारियों तथा पीड़ा को समाप्त नहीं कर दिया पर उसे अपने ऊपर ले लिया, उन्हें परिवर्तित कर दिया कर आसान कर दिया क्योंकि दुःख अंतिम रूप से विजयी नहीं हो सकता।"

उन्होंने कहा, " जिस तरह पिता परमेश्वर ने अपने पुत्र येसु ने हमारे अपना जीवन देकर हमें बचाया हमें भी चाहिये कि हम दूसरों के लिये अपना जीवन दें। क्रूसित येसु में विश्वास करने से हमें वह ताकत मिलती है ताकि हम दूसरों को प्यार करे, यहाँ तक कि हमारे बैरियों को भी।"

संत पापा ने कहा, "सच्चे विश्वास का अर्थ है अपना प्रेम दूसरों को देना, विशेष करके ऐसे लोगों को जो ज़रूरतमंद हैं, जो पीड़ित है और जो हाशिये पर हैं। जब हम बीमारों को अपना स्नेह दिखाते हैं तो हम उनमें आशा का संचार करते हैं और इस तरह हम ईश्वर के राज्य को इस धरा पर लाने में अपना योगदान देते हैं।

इस कार्य में माता मरिया हमारी आदर्श हैं जो ईश्वर की आवाज़ सुनती, ज़रूरतमंदों और विपत्ति में पड़े ईश्वर की संतान की वाणी सुनती है।

संत पापा ने कहा कि येसु ख्रीस्त का क्रस हम सबको आमंत्रित करता है कि हम दूसरों को सदा दया और स्नेह से देखें विशेष करके जो बीमार हैं और जिन्हें मदद की ज़रूरत है माता मरिया इस नेक कार्य में सबकी मदद करे।












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