2013-11-29 15:53:23

बहुप्रतीक्षित सद्भावना सेमिनार राँची में सम्पन्न


राँची, झारखंड शुक्रवार 29 नवम्बर, 2013 (पीटीआई, दैनिक जागरण) सद्भावना मंच राँची, ‘जेवियर इन्स्टीट्यूट ऑफ़ सोशल सर्विस’ व भारतीय सामाजिक संस्थान, दिल्ली (आईएसआई) के संयुक्त प्रयास से पिछले सप्ताह झारखंड की राजधानी राँची के एसडीसी सभागार में ‘बदलते परिवेश में सद्भावनी की खोज’ विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया।
सभा को संबोधित करते हुए सद्भावना सेमिनार के मुख्य अतिथि राँची के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल तेलेस्फोर टोप्पो ने कहा, "सद्भावना सेमिनार से निश्चय ही क्षेत्र में शांति, प्रेम, सद्भावना और एक-दूसरे के प्रति सम्मान की भावना बढ़ी है। आज ज़रूरत है देश में ऐसे पहलों को बढ़ावा देने की ताकि देश में सहअस्तित्व तथा सम्मान की भावना बढ़े और सबकी प्रगति संभव हो सके।"
सभा को संबोधित करते हुए लोहरदगा के सामाजिक कार्यकर्ता विनोद भगत ने कहा कि आदिवासी शांति चाहते हैं पर कुछ लोग ‘माता मरिया की लाल साड़ी जैसी बातों’ द्वारा धार्मिक उन्माद फैला कर आदिवासियों को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं जो सफ़ल नहीं होगा।
सभा में ‘एक्सआईएसएस’राँची के निदेशक डॉ. फादर अलेक्स एक्का ने 60 के दशक में अपने जीवन बलिदान करने वाले जेस्विट फादर हेरमन रास्कार्ट के जीवन को प्रस्तुत किया और उसके बलिदान की सराहना की।
बेल्जियन मिशनरी रास्कार्ट ने हिन्दु-मुस्लिम दंगों के बीच सद्भावना का संदेश देते हुए अपने प्राण गंवाये थे। फादर एक्का ने बतलाया कि मिशनरियों ने आरंभ से ही शांति, एकता और सद्भावना जैसे मूल्यों को अपने मिशन का केन्द्र में रखा था।
सद्भावना सेमिनार में विभिन्न सम्प्रदायों के प्रतिनिधियों ने पूरे उत्साह से हिस्सा लिया। प्रतिनिधियों की संख्या करीब 365 थी।
सद्भावना सेमिनार के मुख्य आयोजक आईएसआई के ट्राइबल रिसर्च विभाग के निदेशक डॉ. जोसेफ मरियानुस कुजूर ने बतलाया की निकट भविष्य में और कई ऐसे सेमिनार एवं कार्यशाला आयोजित किये जायेंगे जिससे क्षेत्र में सद्भावना बढ़े तथा जाति धर्म तथा लिंग का बिना भेदभाव के क्षेत्र का विकास संभव हो सके।








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