वाटिकन सिटी, शुक्रवार 29 नवम्बर, 2013 (सीएनए) संत पापा फ्राँसिस ने वृहस्पतिवार 27
नवम्बर, को वाटिकन स्थित संता मार्था निवास में यूखरिस्तीय बलिदान अर्पित करते हुए ख्रीस्त
की अंतिम विजय के बारे में चिन्तन प्रस्तुत किया।
संत पापा ने संत लूकस के सुसमाचार
से लिये गये दैनिक धर्मपाठ के आधार पर बोलते हुए कहा येसु अंतिम दिनों की भविष्यवाणी
करते हैं। वे कहते हैं कि वे दिन आयेंगे जब ख्रीस्तीयों पर अत्याचार किये जायेंगे, उन
पर मुकदमा चलाया जायेगा और उन्हें बन्दीगृह में डाल दिया जायेगा। ऐसा आभास होगा कि दुनिया
जीत गयी है और ईश्वर हार गया है।
संत पापा ने कहा कि जिस बात की भविष्यवाणी येसु
ने दुनिया के अंतिम दिनों के लिये की है वह आज के युग में भी देखा जा सकता है। उन्होंने
कहा कि कई यह सोचते हैं कि धर्म एक निजी मामला है और इसीलिये कई धार्मिक प्रतीकों के
सार्वजनिक प्रयोग पर प्रतिबंध हैं।
संत पापा ने कहा कि यदि हम दुनिया की शक्तियों
का हुक्म मानते, कई अन्य बातें करते पर ईश्वर की आराधना नहीं करते तो यही है आपका अन्त।
संत पापा ने कहा कि जब हम इस दुनिया मनोभाव की चरमसीमा तक पहुँच जाते हैं तो
ईश्वर का पुत्र सचमुच हमारे बीच महिमा के साथ आयेंगे।
उन्होंने नबी दानिएल की
चर्चा करते हुए कहा कि उस राजा ने सिंह की माँद में फेंक दिया था क्योंकि उसने विश्वास
का त्याग करने की आज्ञा मानने से इंकार कर दिया। संत पापा ने कहा कि विश्वास के
लिये दुःख और प्रताड़ना झेलने की भविष्वाणी की जा चुकी है इसलिये प्रत्येक ख्रीस्तीय
प्रार्थना करे ताकि ईश्वर उसे विश्वासी और धैर्यवान बनाये।
संत पापा ने कहा
कि क्या हम दानिएल के समान अंतिम तक वफ़ादार है,धैर्यवान हैं या दुनियावी ताकत के साथ
समझौते का खेल खेलते हैं।
आज हम ख्रीस्तीय रूप में बस यही कृपा माँगे कि हम
पूरी ईमानदारी से धैर्यपूर्वक ईश्वर को अपने जीवन का प्रभु मानते रहेंगे।