2013-11-27 14:42:47

अनन्त जीवन में प्रवेश की तैयारी है हमारा जीवन


वाटिकन सिटी, बुधवार, 27 नवम्बर 2013 (वीआर सेदोक): बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर, संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में विश्व के कोने-कोने से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया।
उन्होंने इतालवी भाषा में कहा, ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, हम काथलिक कलीसिया के प्रेरितों के धर्मसार संबंधी धर्मशिक्षा माला को जारी करते हुए ‘देह का फिर जी उठना’पर चिंतन करें।
ख्रीस्तीय विश्वास मृत्यु के रहस्य को उजागर करता एवं देह अर्थात् शरीर के पुनः जी उठने की आशा प्रदान करता है। मृत्यु हमें ईश्वर पर विश्वास से भिन्न चुनौती देती है एवं पृथ्वी पर हमारे अस्तित्व के उपर एक अलौकिक आभास देती है। मृत्यु हमारे लिए दुःखद लगता है। हम इसके सच्चे अर्थ को नहीं समझते, इससे भय खाते एवं अस्वीकार करते हैं, किन्तु मानव इससे बढ़कर महानता के लिए निर्मित की गयी है। हम असीम एवं अनन्त जीवन अर्जित करने के लिए परिश्रम करते हैं। ख्रीस्त का पुनरुत्थान न केवल मृत्यु के परे जीवन की गारंटी देता किन्तु मृत्यु के सच्चे अर्थ को बतलाता है। मृत्यु हमारे जीवन पर निर्भर है, यदि हम ईश्वर के साथ संयुक्ति का जीवन जीते हैं तो हम मृत्यु के समय अपने आपको शांति एवं साहस के साथ उनके हाथों में सौंप सकते हैं। हमारे प्रभु हमें कई बार सावधान रहने की चेतावनी देते हैं यह जानते हुए कि इस संसार में हमारा जीवन अनन्त जीवन में प्रवेश की तैयारी है। यदि हम उनके करीब रहते हैं विशेषकर, ग़रीबों के प्रति उदार होकर, एवं जरूरत मंदों की आवश्यकताओं को पूरी करते हुए, तो हमें डरने की कोई बात नहीं है बल्कि स्वर्ग द्वार एवं अनन्त जीवन के आनन्द रूप में मृत्यु का स्वागत करना चाहिए।
इतना कह कर, संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की।
उन्होंने इंगलैंड, वेल्स, डेनमार्क, नीदरलैंड आयरलैंड, फिलीपिन्स, नोर्वे, स्काटलैंड, जपान कनाडा स्ट्रेलिया, अमेरिका और देश-विदेश के सभी तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों को विश्वास में बढ़ने तथा प्रभु के प्रेम और दया का साक्ष्य देने की कामना करते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।








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