2013-11-25 13:56:33

सृष्टि, इतिहास और कलीसिया के केन्द्र हैं – येसु मसीह


वाटिकन सिटी, सोमवार, 25 नवम्बर, 2013 (सीएनए) संत पापा फ्राँसिस ने विश्वास वर्ष की समाप्ति पर वाटिकन सिटी स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में यूखरिस्तीय बलिदान चढ़ाते हुए कहा, "सृष्टि, इतिहास और कलीसिया के केन्द्र हैं – येसु।"
संत पापा ने अपने प्रवचन में कहा, "जब केन्द्र ही खो जाता है और इसके स्थान में किसी दूसरी चीज़ को रख दिया जाता है तो इससे हममें और हमारे आसपास क्षति ही हो सकती है।"
उन्होनें कहा, "प्रत्येक ख्रीस्तीय विश्वासी से यह आशा की जाती है कि वह येसु को अपने अपने सोच, विचार, शब्द और क्रिया-कलाप का केन्द्र बनाये।"
काथलिक पूजन विधि के वर्ष 2013 के तीसरे चक्र के ख्रीस्त राजा का त्योहार के दिन विश्वास वर्ष के समापन में आयोजित भव्य यूखरिस्तीय समारोह में काथलिक कलीसिया के प्रथम पोप संत पेत्रुस की ‘अस्थि बॉक्स’ (रेलिक्स बॉक्स) को संत पापा को सौंपा गया।
संत पापा ने बड़े ही श्रद्धा से संत पेत्रुस के अस्थि बक्स को अपने हाथों में लिया और हज़ारों की संख्या में मिस्सा बलिदान में सम्मिलित विश्वासियों ने शरीरधारी ईशपुत्र येसु पर अपना विश्वास दुहराया।
संत पापा ने कहा, "यह ऐतिहासिक यूखरिस्तीय बलिदान न सिर्फ विश्वास वर्ष का समापन है पर यह ऐसा सुवासर है जब हम बपतिस्मा संस्कार में आरंभ किये विश्वास की यात्रा की महत्व की पुनर्खोज करें।"
संत पापा ने कहा कि येसु का रूप सिर्फ़ दिव्य नहीं है पर मानवीय भी है। वे हमारे लिये तथा पूरी दुनिया के लिये मानव बने और हमारे लिये उन्होंने अपने प्राणों का भी बलिदान भी कर दिया।
उन्होंने कहा, "येसु ऐसी ज्योति है जो गहन अंधकार में भी चमकती है और हममें आशा का संचार करती है जैसा कि उन्होंने उस ‘भले डाकू’ के साथ किया। उन्होंने उससे कहा, "तुम आज ही मेरे साथ स्वर्ग में होगे।"
समारोह कि अन्त में संत पापा ने विश्व के 36 प्रतिनिधियों को अपने नया प्रेरितिक प्रबोधन (धर्मशिक्षा) ‘सुसमाचार का आनन्द’ (‘द जोय ऑफ़ द गॉस्पल’) की प्रतियाँ बाँटी। प्रतिनिधियों में पुरोहित, धर्मप्रचारक परिवार के सदस्य, धर्मसमाजी, कलाकार और पत्रकार प्रमुख थे।
समारोह के अन्त में संत पापा ने सुसमाचार प्रचार के लिये बनी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष फिसीकेल्ला और उसके तमाम सहयोगियों को विश्वास वर्ष के आयोजन की सफलता के लिये सराहा और उनके प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट की।









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