2013-11-20 14:25:48

ईश्वर पापों की क्षमा करते हुए कभी नहीं थकते


वाटिकन सिटी, बुधवार, 20 नवम्बर 2013 (वीआर सेदोक): बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर, संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में विश्व के कोने-कोने से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया।
उन्होंने इतालवी भाषा में कहा, ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, हम काथलिक कलीसिया के प्रेरितों के धर्मसार संबंधी धर्मशिक्षा माला को जारी करते हुए ‘पापों की क्षमा’ (मेल-मिलाप संस्कार) पर चिंतन करें।
अपने शिष्यों को मिशन पर भेजते हुए येसु ने पाप क्षमा की कुंजी प्रदान की थी। हम याद करें कि पाप क्षमा का मुख्य स्रोत पवित्र आत्मा है जिसे पुनर्जीवित ख्रीस्त ने प्रेरितों को प्रदान किया था इस प्रकार, उन्होंने पवित्र आत्मा को कलीसिया की शक्ति की कुंजी बना दिया है कलीसिया पाप-क्षमा संकार का मालिक नहीं उसका सेवक है। हमारे सम्पूर्ण जीवन में मन-परिवर्तन के रास्ते पर कलीसिया हमारा साथ देती है तथा मेल-मिलाप को सामुदायिक एवं कलीसियाई आयाम में अनुभव करने के लिए निमंत्रण देती है। हम पुरोहितों के माध्यम से पाप क्षमा का अनुभव करते हैं। ईश्वर ने पुरोहितों की प्रेरिताई द्वारा कलीसिया को पापों की क्षमा करने का कार्य सौंपा है। पुरोहित जो इस संस्कार के सेवक हैं वे यह याद रखें कि उन्हें भी पापों की क्षमा एवं आध्यात्मिक चंगाई की आवश्यकता है। अतः अपने प्रेरिताई को विनम्रता एवं दया भाव से पूरा करें। हम सदा याद रखें कि ईश्वर पापों की क्षमा करते हुए कभी नहीं थकते। आइये, हम मेल-मिलाप संस्कार को सचमुच महत्व दें तथा पुरोहितों के माध्यम से प्राप्त होने वाली क्षमा एवं चंगाई के आनन्द का अनुभव करें।
इतना कह कर, संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की।
उन्होंने इंगलैंड, वेल्स, डेनमार्क, नीदरलैंड आयरलैंड, फिलीपिन्स, नोर्वे स्काटलैं,जपान कनाडा स्ट्रेलिया, अमेरिका और देश-विदेश के सभी तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों को विश्वास में बढ़ने तथा प्रभु के प्रेम और दया का साक्ष्य देने की कामना करते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।








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