रोम, शनिवार, 9 नवम्बर 2013 (एशियान्यूज़): "उन्होंने मेरा अभिषेक किया एवं वे मेरे आदर्श
गड़ेरिये थे।" यह बात एक भूमिगत पुरोहित ने धर्माध्यक्ष पीटर लियू ग्वान्डोंग के विषय
में कही। उन्होंने एशियान्यूज़ से कहा, "वे एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने काथलिक कलीसिया
के विश्वास की रक्षा करते हुए सरकार के साथ कभी समझौता नहीं किया। वे भूमिगत कलीसिया
के लिए एक असल मानक थे।" विदित हो कि मोन्सिन्योर लियू ने अपने जीवन की एक लम्बी अवधि
भूमिगत होकर बिताया, जहाँ उनकी मृत्यु 28 अक्तूबर को हो गई। अनुयायियों ने अंततः 29 अक्तूबर
को उनकी मृत्यु को सार्वजनिक करते हुए उन्हें ससम्मान एक पवित्र स्थल पर दफनाया। उनके
अनुयायियों ने उनकी मृत्यु एवं दफन स्थल की जानकारी गुप्त रखी क्योंकि वे उन्हें चीनी
सरकार के हाथों सौंपना नहीं चाहते थे। चीनी शासन के हाथों नहीं सौंपने का कारण यह था
कि मोन्सिन्योर लियू को सरकार एक धर्माध्यक्ष रूप में नहीं जानती थी अतः सरकार उनकी दफन
क्रिया एक धर्माध्यक्ष रुप में नहीं करती। उन्होंने बताया कि मोन्सिन्योर लियू की
दफन क्रिया बड़े ही आदर से सम्पन्न हुआ तथा उन्हें राजनीतिक नियंत्रण से मुक्त, कलीसिया
के चैंपियन का सम्मान दिया गया। मालूम हो कि धर्माध्यक्ष लियू की मृत्यु 94 वर्ष की
आयु में हुई उन्होंने सन् 1997 ई. से ही छिपकर कई वर्षों तक कारावास में जीवन व्यतीत
किया। वे सन् 1955 ई. में पहली बार दो वर्षों के लिए जेल गये। साम्यवादी विचारधारा से
काथलिक विश्वास की रक्षा करने एवं अन्याय पूर्ण राज्य के नियंत्रण से बाहर रहने की इच्छा
ने उन्हें तेजी से स्वतंत्र विचार धारा की ओर अभिमुख किया एवं उन्हें अधिकारिक कलीसिया
से असहमत बना दिया।