वाटिकन सिटी, शुक्रवार 8 नवम्बर, 2013(सीएनए) संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन सिटी के संत
मार्था निवास के प्रार्थनालय में 7 नवम्बर वृहस्पतिवार को दैनिक यूखरिस्तीय बलिदान में
प्रवचन देते हुए कहा, "ईश्वर भटके हुओं तथा पापियों को विशेष प्यार करते हैं।"
उन्होंने
कहा, "ईश्वर कभी हारता नहीं और नहीं हारने के लिये ही वह बाहर जाता है और उन लोगों भले
चरवाहे की तरह खोज़ निकालता है जो उससे दूर चले जाते हैं।"
मालूम हो कि संत पापा
प्रत्येक दिन वाटिकन के संत मार्था अतिथि निवास में विभिन्न लोगों के लिये यूखरिस्तीय
बलिदान चढ़ाते हैं। यह यही अतिथि निवास है जहाँ संत पापा निवास भी करते हैं। उनका निर्णय
है कि वे प्रेरितिक प्रासाद में रहने के बदले इसी आवास में रहेंगे।
7 नवम्बर
को दिये अपने प्रवचन में संत पापा ने फरीसियों और सदूकियों की मनोभावनाओं पर टिप्पणी
करते हुए कहा कि उन्होंने येसु को पापियों के साथ देखकर परेशान होते हुए प्रश्न किया
जिसका जवाब येसु ने एक सुन्दर दृष्टांत के द्वारा दिया।
संत पापा ने कहा कि ईश्वर
कभी हार नहीं सकता ईश्वर को हार पसंद नहीं। उन्होंने कहा कि जिस रात को येसु स्वेच्छा
से गिरफ़्तार हुए उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की थी कि ‘पिता इनमें से कोई न खोये जिसे
तूने मुझे दिया है’।
संत पापा ने कहा कि ईश्वर हमारे साथ चलता है। वह कमजोरों
के साथ चलने की स्नेहपूर्ण कमजोरी दिखलाता है, विशेष करके उनके प्रति जो भटके हुए हैं।
उन्होंने कहा, "ईश्वर उस महिला के समान खोजता है जिसने एक सिक्का खोया है। वह
बत्ती जलाता है, झाड़ू करता है और तब तक खोजता रहता है जब तक कि वह उसे पा न ले।"
संत
पापा ने कहा, "येसु हमें खोज कर वापस लाता है और हमारी मर्यादा को स्थापित करता है। ईश्वर
तब खुश नहीं होता जब पापी की मृत्यु होती है पर तब प्रसन्न होता है जब उसे नवजीवन मिलता
है।"