लाहौर, पाकिस्तान सोमवार 4 नवम्बर, 2013 (सेदोक, वीआर) सुसमाचार प्रचार के लिये बनी सभा
के प्रीफेक्ट कार्डिनल फरनन्दो फिलोनी लाहौर स्थित महागिरजाघर में धर्माध्यक्षों, पुरोहितों,
धर्मसमाजियों सेमिनेरियनों और धर्मप्रचारको और के लिये 1 नवम्बर को मिस्सा अनुष्ठान चढ़ाया।
यूखरिस्तीय बलिदान में प्रवचन देते हुए उन्होंने कहा, "आप अकेले कदापि नहीं
हैं। आपकी परिस्थितियाँ और यहाँ हालत कठिनाइयों से भरे हैं पर आप अकेले नहीं हैं। आप
अन्य काथलिकों की तरह सार्वभौविक कलीसिया के अभिन्न अंग हैं। आप येसु मसीह में अपने विश्वास
का साक्ष्य साहसपूर्वक दीजिये।
कार्डिनल ने कहा कि मेरे दिल में आपके प्रति जो
भावनायें हैं वह प्रत्येक ख्रीस्तीय भाई-बहन तक पहुँचे।
मालूम हो कार्डिनल फिलोनी
यूखरिस्तीय बलिदान के दौरान फैसलाबाद के धर्माध्यक्ष को प्रतिस्थापिक किया। उन्होंने
कहा कि हर परिस्थिति में येसु ही हमारे जीवन का केन्द्र हो चाहे यह समय कठिनाइयों से
भरा हो या धर्म सतावट की काटों से पूर्ण हो। उन्होंने कहा कि संत पौल की तरह मैं
आपलोगों से कहना चाहता हूँ कि आप धैर्य और उत्साह से अपना भला कार्य जारी रखें। कार्डिनल
ने कहा कि पूर्ण रूप से पाकिस्तानी और पूर्ण ख्रीस्तीय होना विरोधाभाषी तथ्य नहीं है।
पाकिस्तान जैसे देश में जहाँ विभिन्न धर्म,भाषा एवं संस्कृति के लों एक साथ निवास करते
हैं और इस्लाम यहाँ का प्रमुख धर्म हैं ईसाई विरोध का अनुभव न करें बल्कि भिन्नता की
समृद्धि महसूस करें। सच बात तो यह है कि समरूपता कमजोर करती और विविधता प्रेरित करती
है। उन्होंने ईसाइयों से आग्रह किया कि वे नमक और दीपक बनकर जीवन बितायें। नमक के
समान भोजन को स्वदिष्ट बनायें और सबको प्रज्वल्लित करें। शांति, समझदारी, ईमानदारी,
वार्ता, प्रेम, क्षमा दया और मुक्ति उनकी बुलाहट और मिशन हो।