2013-10-30 12:27:23

‘संतों की सहभागिता'


वाटिकन सिटी, बुधवार 30 अक्तूबर, 2013 (सेदोक, वी.आर.) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघऱ के प्राँगण में, विश्व के कोने-कोने से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया।

उन्होंने इतालवी भाषा में कहा, ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, हम काथलिक कलीसिया के प्रेरितों का धर्मसार संबंधी धर्मशिक्षामाला को जारी रखते हुए ‘संतों की सहभागिता’ पर चिन्तन करें।

काथलिक धर्मशिक्षा हमें इस बात की याद दिलाती है कि कलीसिया धार्मिक वस्तुओं और संतों से जुड़ी ही है। और संतों की सहभागिता काथलिक कलीसिया का सबसे गूढ़ रहस्य है क्योंकि खीस्त में बपतिस्मा प्राप्त कर हम पवित्र तृत्व ईश्वर के जीवन के सहभागी होते हैं।

इस तरह से हम येसु के शरीर अर्थात कलीसिया से अभिन्न अंग बनकर एक-दूसरे से जुड़ जाते हैं। इस प्रकार भ्रातृपूर्ण आपसी संबंध के द्वारा हम ईश्वर के करीब आ जाते हैं और आध्यात्मिक रूप से एक-दूसरे का साथ देते हैं।

संतों की सहभागिता न केवल दुनिया के जीवित काथलिकों को अपने साथ जोड़ती है पर उन लोगों के साथ भी जो येसु ख्रीस्त में मृत्यु को प्राप्त कर चुके हैं और उनके साथ भी जो शोधकअग्नि में हैं।

इस स्वर्ग और धरती के इस गहरे संबंध का अनुभव तब करते हैं जब हम निवेदन की प्रार्थना करते हैं विशेष करके सब संतो और सब मृतकों का त्योहार मनाते हैं जिसे हम इस सप्ताह में मनायेंगे।
जब हम इस विशेष रहस्य की खुशी को मनाने जा रहे हैं तब आइये हम प्रार्थना करें ताकि हम उनके करीब आ सके और सबों के साथ आपसी एकता का गहरा अनुभव कर सकें।

इतना कह कर, संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की। इसके बाद भारत, इंगलैंड, वेल्स वियेतनाम, डेनमार्क, नीदरलैंड आयरलैंड, फिलीपीन्स, नोर्व, स्कॉटलैंड. जापान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और देश-विदेश के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों को विश्वास में बढ़ने तथा प्रभु के प्रेम और दया का साक्ष्य देने की कामना करते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।












All the contents on this site are copyrighted ©.