मुम्बईः बाईकर से समाजसेवी बने कार्यकर्त्ता मदर तेरेसा पुरस्कार से सम्मानित
मुम्बई, 29 अक्टूबर सन् 2013 (एशियान्यूज़): बाईकर से समाजसेवी बने, बाल सैनिकों की रिहाई
के लिये प्रयासरत, अमरीका के ख्रीस्तीय धर्मानुयायी सैम चिलडर्स को, वर्ष 2013 के, मदर
तेरेसा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मदर तेरेसा की स्मृति में स्थापित हारमनी
फाऊन्डेशन का सामाजिक न्याय सम्बन्धी अन्तरराष्ट्रीय पुरस्कार इस वर्ष अमरीका के सैम
चिलडर्स को प्रदान किया गया है। अफ्रीका के सूडान, उत्तरी यूगान्डा एवं कई अन्य देशों
में बाल सैनिकों को दासता एवं शोषण से मुक्त करने के लिये सैम चिलडर्स विगत 13 वर्षों
से प्रयास करते रहे हैं। पुरस्कार समारोह मुम्बई के लीला होटल में आयोजित किया गया
था जिसमें मिशनरीज़ ऑफ चेरिटी की धर्मसंघ अध्यक्षा सि. प्रेमा ने भी चिलडर्स को बधाई
देते हुए एक सन्देश प्रेषित किया। बाल सैनिकों के हित में काम शुरु करने से पूर्व
चिलडर्स मोटर साईकिल दौड़ों में हिस्सा लिया करते थे। उनके अनुसार उस समय मादक पदार्थों
का सेवन एवं हिंसा भी उनके जीवन का हिस्सा हुआ करता था किन्तु 13 वर्ष पूर्व उन्होंने
सबकुछ का परित्याग कर ख्रीस्तीय धर्म का आलिंगन किया तथा बाल सैनिकों के पक्ष में काम
करना आरम्भ किया। पुरस्कार ग्रहण करते हुए चिलडर्स ने कहा, "यह पुरस्कार युद्धग्रस्त
सूडान एवं विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में दासों की तरह काम कर रहे बाल सैनिकों का है
जो प्रतिदिन, निरन्तर भय, आतंक एवं धमकियों के बीच जीवन यापन करने को बाध्य हैं।" उन्होंने
कहा, "धन्य मदर तेरेसा एक विचित्र एवं विशेष इन्सान थीं मैं उनके साहस की सराहना करता
हूँ। प्रभु ख्रीस्त की तृष्णा के कारण वे कभी हारी नहीं बल्कि सदैव दृढ़ संकल्प के साथ
आगे बढ़ती रही।"