मध्यप्रदेश के रतनगढ़ मंदिर में भगदड़, 111 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत
दतिया, भोपाल, सोमवार 14 अक्तूबर, 2013 (एशियान्यूज़) मध्य प्रदेश के दतिया जिले में
रतनगढ़ माता मंदिर दर्शन करने जा रहे श्रद्घालुओं की भीड़ में मची भगदड़ में करीब 111
लोगों की मौत हो गई है।
हादसे में लगभग 100 अन्य लोगों के घायल होने की खबर है।
मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि भगदड़ के दौरान नदी में कूदे कई लोग अभी लापता
हैं। लापता लोगों की तलाश जारी है। इसी पुल के बह जाने से हुए हादसे में 2006 में 50
लोगों की मौत हुई थी। घटना की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
भगदड़ की घटना
के बाद गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया, जिसमें दो अधिकारियों सहित 12 पुलिसकर्मी
घायल हो गए हैं। मध्य प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव एंटनी डीसा ने दतिया पहुंचने पर पत्रकारों
को बताया कि फिलहाल 89 शव प्राप्त हुए हैं। उन्होंने लगभग 100 लोगों के घायल होने की
पुष्टि की। उन्होंने कहा कि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
गैरसरकारी सूत्रों के मुताबिक 100 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं।
मालूम हो कि
नवरात्रि के अंतिम दिन रविवार को बड़ी संख्या में श्रद्घालु रतनगढ़ माता मंदिर में दर्शन
करने पहुंचे थे। मंदिर से पहले पड़ने वाले सिंध नदी के पुल पर भारी भीड़ थी। पुल संकरा
है और उस पर मौजूद भीड़ बेकाबू हुई तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। इससे भगदड़ मच
गई। इस बीच पुल टूटने की अफवाह भी फैल गई। श्रद्घालुओं ने एक-दूसरे को कुचलते हुए भागने
की कोशिश की। इस दौरान कई लोग जान बचाने के लिए नदी में कूद गए। माना जा रहा है कि भगदड़
कुचले जाने से ज्यादा मौत नदी में कूदने के कारण हुई हैं।
प्रदेश के मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है और निर्वाचन आयोग की अनुमति
से मृतकों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपए मुआवजे की घोषणा की है। राज्यपाल रामनरेश यादव ने भी
हादसे पर दुख व्यक्त किया है।
घायलों के इलाज के लिए ग्वालियर के जया हॉस्टपिटल
के ट्रामा सेंटर को खाली करा लिया गया है और डॉक्टरों की तैनाती की गई है। इसके अलावा
डॉक्टरों की एक टीम रतनगढ़ भेजी गई है। राज्य के मुख्यसचिव व डीजीपी भी दतिया के लिए
रवाना हो गए हैं। घटनास्थल पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।