बर्लिन, बृहस्पतिवार, 10 अक्तूबर 2013 (एशियान्यूज़): कलीसियाओं की विश्व परिषद (डब्ल्यू.
सी.सी) की पहल पर शांति एवं एकीकरण हेतु प्रार्थना का, ख्रीस्तीय शांति रेल, बर्लिन से
कोरिया रवाना हुई। इस रेल यात्रा का मुख्य मकसद कोरियाई प्रायद्वीप में शांति की ‘परम
आवश्यकता’ की ओर विश्व का ध्यान आकृष्ट करना है। कोरिया के रेवरेन को ह्यूंन युंग
एवं जर्मनी के ख्रीस्टोफ टाईलमन ने यात्रा के पूर्व ब्रंडेनबर्ग गेट पर रेल को आशीष प्रदान
की तथा यात्रा का उद्घाटन किया। यात्रा में कई पड़ाव शामिल हैं तथा अंतिम पड़ाव 28
अक्तूबर को दक्षिण कोरिया के बुसान में होगा। इसके पूर्व मास्को, इरकूस्क तथा बेजिंग
एवं रेल प्योंगयाँग पहुँची । प्रार्थना के लिए स्वयं सेवक ख्रीस्तीयों की रेल को
यदि उत्तरी कोरिया के अधिकारियों द्वारा अनुमति नहीं दी जायेगी तो चर्चों की राष्ट्रीय
परिषद ने डांनडोंग से इनचेओन तक की यात्रा के लिए एक जहाज की व्यवस्था का निर्णय लिया
है। ज्ञात हो कि कलीसियाओं की विश्व परिषद उन कुछेक संगठनों में से एक है जो एक
ऐसा संगठन है जो काथलिक कलीसिया एवं रेड क्रोस के साथ मिलकर उत्तरी कोरिया में लोकोपकारी
कार्यक्रमों का सम्पादन कर रहे हैं।