संत पापा फ्राँसिस के प्रथम परमधर्मपीठीय वर्ष के लिये सिक्का
वाटिकन सिटी, सोमवार 7 अक्तूबर, 2013 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस के परमधर्मपीठीय
काल के प्रथम वर्ष के लिये 8 अक्तूबर को एक सिक्का जारी किया जायेगा।
वाटिकन
से जारी सूचना के अनुसार 44 मिलिमीटर के इस सिक्के की रूपरेखा मरिअँजेला क्रिस्योत्ती
ने तैयार की है जो राज्य टकसाल एवं पोलिग्राफिक संस्थान (स्टेट मिन्ट एंड पोलिग्रफिक
इन्स्टीट्यूट) में कार्यरत है।
संत पापा फ्राँसिस के चित्रयुक्त पहला सिक्का सोना,
चाँदी और कांस्य तीनों प्रकार की धातुओं में उपलब्ध होगा।
वाटिकन समाचार के अनुसार
सिक्के के एक भाग में संत पापा मुस्कुराते हुए लोगों को आशीर्वाद दे रहे हैं और उसमें
लिखा है ‘फ्राँसिस्कुस पोन्त. माक्स अन. 1’ ।
वहीं दूसरी ओर सुसमाचार के उस दृश्य
को दिखलाया गया है जहाँ येसु संत मत्ती को बुला रहे हैं। उसमें लैटिन में संत पापा फ्राँसिस
के आदर्शवाक्य भी जड़े हैं। "विदित एरगो जीज़स पुबलिकानुम एत क्विया मिजेरान्दो अतक्वे
एलिजेन्दे विदित अइत इल्ली ‘सेगवेरे मे’। जिसका अर्थ है ‘येसु ने टैक्स जमा करने वाले
को देखा और वह दया से भर आया और उसे बुलाते हुए कहा, मेरे पीछे चले आओ’।
संत
पापा ने इसे अपना आदर्श वाक्य उस समय ही बना लिया था जब वे 17 साल के थे और सन् 1953
में संत मत्ती के पर्व दिवस पर संत बेदे द्वारा दिये गये उपदेश के समय ईश्वर की विशेष
उपस्थिति का अनुभव किया था।
मिस्सा के बाद होरहे मारियो बेरगोलियो ने पापस्वीकार
संस्कार ग्रहण किया और महसूस किया था ईश्वर उन्हें धर्मसमाजी बनने के लिये बुला रहे हैं
और तब उन्होंने संत इग्नासियुस द्वारा संस्थापित धर्मसमाज येसु समाज में अपने को समर्पित
कर दिया।