भाषा और संस्कृति ईश्वरीय प्रेम के मार्ग का बाधक नहीं
अमादियाह, सोमवार 7 अक्तूबर, 2013 (एशियान्यूज़) कुरदिस्तान अमादियाह के महाधर्माध्यक्ष
मान्यवर रब्बान एल कास ने कहा है कि उनका धर्मप्राँत वे सीरिया के शरणार्थियों का अपना
धर्मप्राँत में स्वागत करते हैं क्योंकि वे चाहते हैं लोगों को ख्रीस्तीय प्रेम और सार्वभौमिकता
का बोध हो।
मालूम हो कि ईराकी कुरदिस्तान के अमादियाह धर्मप्राँत ने हाल के दिनों
में करीब 20 हज़ार शरणार्थियों को अपने धर्मप्राँत में जगह प्रदान की है। ये शरणार्थी
युद्धग्रस्त सीरिया से भाग कर यहाँ पहुँचे हैं।
कालडियन महाधर्माध्यक्ष ने बतलाया
कि शरणार्थियों की कहानी दर्दनाक है। कई लोगों ने अपना सबकुछ खो दिया है। न उनके पास
धन-सम्पति है न परिवार, न मित्र और न ही घर वापस लौटने की कोई आशा।
महाधर्माध्यक्ष
ने बतलाया कि उन्होंने सीरिया से पलायन कर आये लोगों का स्वागत किया और कहा कि सीरियावासी
धर्मप्राँत को अपना घर समझें और ख्रीस्तीय समुदाय में शामिल होकर विभिन्न धार्मिक क्रियाकलापों
में हिस्सा लें।
उन्होंने बतलाया कि उसके धर्मप्राँत के एक गाँव में लोगों ने
20 परिवारों को शरण दी है और उन परिवारों में नवजात शिशुओं को बपतिस्मा संस्कार दिया
गया। इस समारोह में पूरे धर्मप्राँत के ईसाइयों ने हिस्सा लिया और विभिन्न रूपों में
कार्यक्रमों को सुचारू रूप से चलाने में मदद दी। शरणार्थी परिवारों को कपड़े, पैसे और
कई अन्य उपहार भी दिये।
महाधर्माध्यक्ष रब्बान ने बतलाया कि भाषा संबंधी समस्याओं
के बावजूद अरब भाषी सीरियाई और कुर्दिस और अरामाईक भाषी ईराकियों के साथ सौहार्दपूर्ण
जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाषा और संस्कृति ईश्वरीय प्रेम में बाधा
नहीं डाल सकते हैं। जो भी व्यक्ति हमारे घर-परिवार में आता है वह हमारा भाई और हमारी
बहना है, परदेशी नहीं।