2013-10-01 10:40:04

18 सितम्बर 2013


श्रोताओं के पत्र
पत्र - 19.8.13
डॉ. हेमंत कुमार, गोराडीह भागलपुर बिहार, प्रियदर्शिनी रेडियो लिस्नर्स क्लब।
प्रत्येक सुबह हमारे पुनर्जन्म का प्रतीक है इसलिए बीते कल की सारी त्रुटियों को भूलकर आज को सुन्दर बनायें। मैं आप को प्यारे दिन की शुभकामनाएँ देता हूँ। सुप्रभात एवं यह दिन आपके लिए शुभ हो।

पत्र-20.8.13
दीवान रफीगुल इस्लाम, बंगलादेश, नाउगाँव पतलीरमोड़, फ्रेंडस रेडियो लिसर्न्स क्लब।
प्रिय साहब,
आप जानते हैं कि अगले 1 अक्तूबर 2013 को हमारे ‘फ्रेंडस रेडियो क्लब’ की 12 वीं बरसी है। अतः इस अवसर को एक ख़ास तरीके से मनाने के लिए हमने कुछ कार्यक्रमों का आयोजन किया गया हैं, जैसे कि वृक्ष रोपण, खेल एवं प्रदर्शन इत्यादि। कृपया आप वाटिकन रेडियो में उपलब्ध सामग्रियाँ हमें भेजें। मैं सन् 1989 ई. से ही वाटिकन रेडियो सुनता आ रहा हूँ। मैं आपके सुन्दर प्रस्तुतिकरण के लिए आपको बधाई देता हूँ। मैं आपके विदेशी श्रोताओं की प्रतियोगिता में भाग लेना चाहता हूँ। आपका स्टेशन निश्चय ही आधुनिक दुनिया के ताज़ा ख़बर, विचार एवं घटनाक्रम से जुड़ा है। आप अपने नेक कार्यों को जारी रखें। वर्षों से वाटिकन रेडियो की प्रगति को सुनना अत्यन्त सुखद है और अब यह दुनिया भर के श्रोताओं के लिए एक उत्कृष्ट रेडियो स्टेशन बन चुका है।

पत्र- 22.8.13
डॉ. हेमंत कुमार, गोराडीह भागलपुर बिहार, प्रियदर्शिनी रेडियो लिस्नर्स क्लब।
महाशय जय मसीह।
आपके द्वारा भेजा गया वाटिकन भारती पत्रिका का ‘मई 2013’ अंक प्राप्त हुआ। सभी रिपोर्ट सूचनाप्रद, ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक लगा। वाटिकन रेडियो परिवार को धन्यवाद।

पत्र-24.8.13
फादर सिप्रियन ख़लख़ो, अंण्डमान निकोबार, ग्रेट निकोबार स्थित कम्पबेल बे, संत जोसेफ काथलिक गिरजा।
जय येसु,
मैं आपके ई समाचार का इन्तजार कर रहा हूँ क्योंकि दो दिनों से ई समाचार मुझे प्राप्त नहीं हो रहा है। ईश्वर आप लोगों को आशीष प्रदान करे।

पत्र- 24.8.13
डॉ. हेमंत कुमार, गोराडीह भागलपुर बिहार, प्रियदर्शिनी रेडियो लिस्नर्स क्लब।
एक गरीब आदमी फलवाले की दुकान पर गया और कहा: ऊपर वाले के नाम एक आम दे दो, दुकानदार ने भारी मन से एक गला सड़ा आम गरीब को दे दिया। फिर उस ग़रीब ने कुछ रुपये निकाले और दुकानदार को दिया, तो दुकानदार ने उसे और दो आम दिया। ग़रीब ने आसमान की तरफ देखा और कहा, ऐ खुदा, देख तुझे क्या दिया और मुझे क्या।

पत्र- 2.9.13
विद्यानन्द रामदयाल, पियर्स मोरिसस,
आदरणीय पिताजी,
प्रभु येसु के नाम में आप सबों का हार्दिक नमस्कार।
आज के आप के कार्यक्रम में चेतना जागरण और नयी दिशाएं काफी ज्ञानवर्धक लगा|










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