2013-09-23 14:00:49

निराशावाद एवं आशाहीन होने के खतरे से बचें


कालियारी, इटली 23 सितंबर, 2013 (सीएनए) संत पापा फ्राँसिस ने युवा को संबोधित करते हुए कहा, "वे येसु के प्रति वफ़ादार रहें और निराशावाद एवं आशाहीन होने के खतरे से बचें।"

संत पापा ने उक्त बात उस समय कही जब उनह्ने 22 सितंबर, रविवार को इटली के कालियारी प्राँत की राजधानी सरदीनिया में युवाओं को संबोधित किया।

संत पापा फ्राँसिस ने कहा, "आप अपने युवाओं को मौत को सौदागारों के हाथों में न बेच दें। ये सौदागर युवाओं को बिना आशा, बिना विश्वास और बिना साहस का रास्ता दिखलाते हैं। आप येसु में विश्वास कीजिये और आपके जीवन का दृष्टिकोण बदल जायेगा।"

संत पापा ने कहा, "कोई भी युवा बिना आशा के हो ही नहीं सकता है। आशा युवा जीवन का अभिन्न अंग है।"

उन्होंने कहा, "मैं आज यहाँ आया हूँ इस बात को बतलाने कि एक व्यक्ति है जो आपको साथ दे सकता है वह है - येसु मसीह। संत पापा ने कहा कि वे कोई भ्रांति फैलाने सरदीनिया नहीं आये हैं पर वे येसु की सत्यता की घोषणा करने आये हैं।"

संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि उन्होंने 60 वर्ष पूर्व (21 सितंबर को) ईश्वर की वाणी को अपने दिल में सुना था जब वे 17 साल के थे और उसे वे आज तक नहीं भूले हैं। ईशवाणी में अद्वितीय ताकत थी।"
संत पापा ने कहा कि वे ईश्वर के पथ पर चल रहे हैं। वे येसु के पीछे चल रहे हैं, उसकी बगल में कदम बढ़ा रहे हैं और येसु सदा उसके साथ ही रहते हैं।
संत पापा ने कहा के वे प्रभु के साथ खुश हूँ और उनकी वाणी का अनुसरण करने का उन्हें कोई पश्चात्ताप नहीं है।
उन्होंने कहा, "मैंने येसु को ऐसे समय में भी देखा है जब बिल्कुल अंधकार था, जीवन पापमय था, जब मैं कमजोर था, जब असफल हुआ पर मैंने उस पर विश्वास किया और उन्होंने मुझे कभी भी अकेला नहीं छोड़ दिया।"
उन्होंने कहा कि जब कलीसिया चुनौतियों के दौर से गुजरती है और जब हम असफल होते हैं तो यह हमें कितना हतोत्साह कर देती है। इन मुसीबतों में भी हम इस बात को याद करें कि येसु का अनुसरण करना चुनौतिपूर्ण तो है पर येसु हमें कभी भी धोखा नहीं देते, वे हमारे ‘वफ़ादार मित्र’ हैं।
सरदीनिया की एक दिवसीय यात्रा में संत पापा ने स्थानीय धर्माध्यक्ष के अलावा, ईशशास्त्र प्रोफेसरों, गरीबों, बंदियों और कई अन्य लोगों से मुलाक़ात की।














All the contents on this site are copyrighted ©.