सामाजिक सम्प्रेषण के आधुनिक साधन येसु को प्रकट करे
वाटिकन सिटी, शनिवार 21 सितम्बर 2013 (सेदोक, वीआर) सामाजिक सम्प्रेषण के लिये बनी परमधर्मपीठीय
समिति की वाटिकन सिटी में आयोजित पूर्ण सभा के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए संत
पापा ने कहा कि कलीसिया को चाहिये कि वह अपने विवेक का उपयोग करे। वह अपने विवेक
से सामाजिक सम्प्रेषण के आधुनिक साधनों एवं सोशल नेटवर्क का उपयोग करते हुए अपने को इस
तरह से प्रस्तुत करे ताकि लोगों को लगे कि कलीसिया वह सुनती, वार्तालाप करती और प्रोत्साहन
देते है। उन्हें लगे कि कलीसिया ऐसी कलीसिया है जो दुनिया के साथ चलता हो। संत पापा
ने प्रतिनिधियों को याद दिलाया कि यह साल कलीसियाई दस्तावेज़ ‘इन्तेर मिरिफिका’ का पचासवाँ
साल है जिसमें इस बात पर बल दिया गया है कि कलीसिया सुसमाचार प्रचार के लिये सम्प्रेषण
के हर भाग का उपयोग करे। संत पापा ने कहा कि आज हमारे समक्ष चुनौती है हम आज उस धरोहर
को जो प्रकाश और आशा लाती है, दुनिया को कैसे बाँटे। आज ज़रूरत है पुरोहितों, धर्मसमाजियों
और लोकधर्मियों को उचित प्रशिक्षण देने की ताकि वे विश्वास के अर्थ को लोगों को समझा
सकें और येसु ख्रीस्त से उनका मिलन हो सके। उन्होंने कहा कि डिजीटल दुनिया सिर्फ
टेक्नोलॉजी के साथ नहीं जुड़ी हैं पर इसके साथ है व्यक्ति जुड़ा है जिनके दुःख दर्द हैं
आशायें हैं सत्य, सुन्दरता और अच्छाई को प्राप्त करने की उनकी इच्छायें हैं। संत
पापा ने कहा कि आज ज़रूरत है माता मरिया के समान येसु ख्रीस्त को लोगों को देने की। आज
ज़रूरत है बिना रास्ता खोये उदासीनता के बादलों को लाँघने की, बिना मार्ग से भटके घोरतम
अंधकार को पार करने की, बिना उलझे दूसरे के स्वप्नों को सुनने की, बिना निराशा के दूसरों
की निराशाओं को सुनने की और अपनी ताकत और पहचान खोये बिना दूसरों के साथ सहानुभूति रखने
की। संत पापा ने कहा कि यह ज़रूरी है कि हम इस तथ्य को पूर्ण रूप से जानें की जिस
ईश्वर में हम विश्वास करते हैं वह सबों को प्यार करता है। वह चाहता है कि हम उपलब्ध साधनों
द्वारा येसु को प्रकट करें। हम इस बात को भी जाने की येसु हममें कार्यशील हैं, वही हमें
बदलते हैं और हमें बचाते हैं।