2013-09-20 13:11:37

सांप्रदायिक और लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक का समर्थन


नयी दिल्ली, शुक्रवार 20 सितंबर, 2013 (उकान) क्रिश्चियन सोलिडारिटी वर्ल्डवाईड (सीएसडब्ल्यू) ने इस बात का प्रस्ताव किया है कि भारत सांप्रदायिक और लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक (प्रिवेन्शन ऑफ़ कम्युनल एंड टारगेटेड वायोलेन्स बिल) को लागू करे।

सीएसडब्ल्यू ने मुजफ्फरनगर में हाल में हुए साम्प्रदायिक दंगे के बाद दौरा करने के बाद उक्त प्रस्ताव लाये हैं।मामले की खोजबीन कर रही एक टीम - सेन्टर फॉर पोलिसी अनालिसीस (सीएफपीए) ने पाया कि हिन्दु बहुल मुजफ्फरनगर में अल्पसंख्यक मुस्लिम वर्षो से आपसी सद्भाव के साथ जीवन यापन किया करते थे।

7 सितंबर को इस क्षेत्र में हिंसा भड़क उठी जिसमें जाट समुदाय ने मुस्लिमों पर आक्रमण किया जिसमें 6 जाट और 33 मुस्लिमों की जान चली गयी और करीब 25 हज़ार लोगों विस्थापित हो चुके हैं। स्थानीय स्रोत बतलाते हैं इस हिंसा में 53 लोगों की मौत हो चुकी है करीब 50 हज़ार लोग विस्थापित हुए हैं।

घटना की छानबीन करने वाली टीम के अनुसार इस साम्प्रदायिक हिंसा को रोकने में राज्य सरकार पूर्ण रूप से नाकामयाब रही है। सरकार न तो हिंसा रोक सकी, न इस पर काबू पा सकी, न तो पुनर्वास की व्यवस्था की जा सकी न ही किसी को न्याय मिल सका है।

तथ्य की खोजबीन करने वाले दल के एक सदस्य जोन दयाल ने बतलाया कि हिंसाग्रस्त क्षेत्र का दृश्य ह्रदयविदारक है। देश को चाहिये एक कानून जो साम्प्रदायिक और लक्षित हिंसा पर रोक लगा सके।

एक दूसरे सदस्य डेविड ग्रिफिथ्स ने बतलाया कि मुजफ्फरनगर हिंसा के तौर-तरीके पूर्व के साम्प्रदायिक हिंसों से मिलते-जुलते हैं। इसके लिये ज़रूरत है एक कानूनी प्रावधान की जिसे पूरे देश में लागू किया जाये ताकि हिंसा पर पूर्ण रूप से काबू पाया जा सके।











All the contents on this site are copyrighted ©.