प्रार्थना और पश्चात्ताप चाहिये क्रूस को समझने के लिये
वाटिकन सिटी, सोमवार 16 सितंबर, 2013 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने क्रूस की विजय
के पर्वोत्सव के अवसर पर वाटिकन के कासा सान्ता मार्ता के प्रार्थनालय में यूखरिस्तीय
बलिदान चढ़ाते हुए कहा, "क्रूस का रहस्य मानवता का रहस्य है जिसे प्रार्थना और पश्चात्ताप
के सहारे ही समझा जा सकता है। " संत पापा फ्राँसिस शनिवार 14 सितंबर को मिस्सा बलिदान
में उपस्थित लोगों को प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि क्रूस के रहस्य में मानव और
ईश्वर की कहानी है। इसके बारे में कलीसिया के आचार्यों ने आदनबारी के अच्छे और बुरे ज्ञानवृक्ष
और क्रूसवृक्ष की तुलना की है। उनका कहना है कि एक वृक्ष ने दुनिया में बुराई लाया
और दूसरे ने मुक्ति और समृद्धि। यही है मानव जीवन की कहानी - येसु ख्रीस्त को पाना अर्थात्
मुक्तिदाता को पाने की यात्रा करना। उस मुक्तिदाता को जो प्रेम का जीवन देते हैं। सच
बात तो यह है कि ईश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को दुनिया में भेजा ताकि वे दुनिया को दोषी
न ठहरायें पर दुनिया उनसे मुक्ति प्राप्त करे। क्रूसवृक्ष ने भले-बुरे के ज्ञान वृक्ष
की बुराइयों – घमंड, अंहकार और स्वार्थ से दुनिया को मुक्ति दिलाया। संत पापा ने कहा
कि क्रूस ईश्वर की कहानी है। वास्तव में ईश्व ने हमारी कहानी को अपने ऊपर ले लिया और
हमारे साथ यात्रा की। उन्होंने मानव बनकर, एक दास बनना स्वीकार किया और क्रूस के मरण
तक आज्ञाकारी बने रहे। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने यह सब बस प्यार की खातिर किया। इस
बात को हम प्रार्थना और पछतावे के द्वारा ही समझ सकते हैं। बिना पश्चात्ताप के हम क्रूस
के रहस्य को कदापि नहीं समझ सकते हैं। क्रूस के रहस्य समझने के लिये हमें चाहिये माता
मरिया की सहायता।