2013-09-16 14:11:36

धन्य होसे गाब्रिएल होसे की धन्य घोषणा समारोह पर संत पापा का पत्र


वाटिकन सिटी, सोमवार 16 सितंब, 2013 (सेदोक, वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने अर्जेन्टिना के फादर होसे गाब्रिएल ब्रोकेरो की धन्य घोषणा समारोह के अवसर पर अर्जेन्टिना धर्माध्यक्षीय परिषद के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष होसे मरिया अरानसेदो को एक विशेष पत्र प्रेषित किया है।

संत पापा ने कहा, "इस चरवाहे को अपने भेड़ों की गंध की जानकारी थी और उन्होंने ग़रीबों के बीच एक ग़रीब का जीवन बिताया। उसने सदा ही अपने लोगों और ईश्वर के करीब रहने की उत्सुकता दिखलायी विशेष करके ऐसे लोगों की जो बीमार और दुःखी थे।"

संत पापा फ्राँसिस ने याद की कि कैसे धर्माध्यक्ष होसे गाब्रिएल अपने छोटे घोड़े पर सवार होकर 200 से भी अधिक किलोमीटर की यात्रायें करते और घर-घर जाकर लोगों से मुलाकात किया करते थे। वे लोगों लोगों को संत इग्नासियुस लोयोला की आध्यात्मिक साधना करने के लिये प्रोत्साहित करते थे। वे अपने पल्ली के कोने-कोने से परिचित थे।

संत पापा ने कहा कि जब वे लोगों से मिलने जाते तो उनके पास माता मरिया की तस्वीर, प्रार्थना किताब, ईशवचन और पवित्र यूखरिस्तीय बलिदान चढ़ाने की आवश्यक सामाग्रियाँ होती थी। जब वे बोलते तो उनकी भाषा सरल होती और विश्वास और प्रेम की उन बातों को बतलाते जिनका उन्होंने अपने जीवन में व्यक्तिगत अनुभव किया था।

अपने पल्ली कोरदोबा में उन्होंने पल्लीवासियों के लिये आध्यात्मिक साधना का आयोजन करते ताकि वे जेस्विटों की तरह येसु के ह्रदय के आत्मीय प्रेम का अनुभव कर सकें। वे चाहते थे कि लोग क्रूसित येसु को जाने, उनका अनुभव करें और उनके प्यार का रसास्वदन करें।
संत पापा ने अपने पत्र में फादर होसे के प्रेरितिक उत्साह और सहानुभूति से पूर्ण ह्रदय की सराहना की। उन्होंने कहा कि उनके उत्साह ने कई लोगों को इस बात के लिये प्रेरित किया कि वे आध्यात्मिक साधना करें और कलीसिया के संस्कारों को ग्रहणकरें और ईश्वर के योग्य पुत्र पुत्रियाँ, भाई-बहन और माता-पिता बनें। वे पल्ली में कदापि नहीं रहा करते थे। संत पापा ने कहा कि आज येसु चाहते हैं कि प्रत्येक मिशनरी शिष्य ऐसा ही करे।


संत पापा ने कहा कि ब्रोचेरो एक साधारण और कमजोर व्यक्ति थे फिर भी उन्होंने अपने जीवन में येसु को प्राप्त कर लिया था और उन्होंने अपना काम ईश्वर की कृपा से पूर्ण किया।

उन्होंने ईश्वर का वचन सुना और स्वर्ग राज्य के लिये कार्य किया ताकि लोगों का हित हो और उन्हें मानव मर्यादा मिल सके। जब फादर कोढ़ बीमारी से ग्रस्त हो गये तब भी उन्होंने एक अंधे कोढ़ रोगी के रूप में भी मिस्सा पूजा अर्पित करना जारी रखा।

संत पापा ने अपने पत्र का अन्त करते हुए लोगों से अपील की कि वे उनके जीवन से प्रेरणा प्राप्त करें और आन्तरिक खुशी प्राप्त करें।












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