2013-09-12 15:49:15

सृष्टि के आध्यात्मिक आयाम का संत पापा ने दिलाया स्मरण


बेरूत, बृहस्पतिवार, 12 सितम्बर 2013 (एशियान्यूज़): संत पापा फ्राँसिस ने सीरिया में शांति हेतु प्रार्थना एवं उपवास की माँग कर कलीसिया तथा समस्त संसार के समक्ष इस तथ्य तो रेखांकित कर दिया है कि ईश्वर ही इतिहास के परम अभिनायक हैं। यह बात फ्राँस के विख्यात पत्रकार एवं निबंधकार की प्रेरणा से रेने जिरार्द ने लिखी।
उन्होंने कहा कि संत पापा ने अत्यंत प्रभावशाली ढंग से पाश्चात्य देशों द्वारा इन्कार किये जाने पर भी, सुसमाचार के गुढ़ राहस्यों को उजागर कर उसे गिरने तथा नैतिक अराजकता में डूबने से बचा लिया है तथा आधुनिक समाज को टूटने से बचाने वाले ख्रीस्तीय मूल्यों का संरक्षण किया है।
एशियान्यूज़ के अनुसार रेने जिरार्द कहते हैं कि जब संसार भर में स्वार्थ के कारण उथल-पुथल मची हुई है, ऐसे समय में प्रार्थना एवं उपवास जैसे शांतिपूर्ण तरीकों से इतिहास को प्रभावित करना वास्तव में सराहनीय है।
उनके अनुसार संत पापा की अपील "शांतिवाद की ओर नहीं अपितु दूसरी वास्तविकता की ओर अग्रसर थी। न तो ओबामा, न पुतिन और न बशर अल असद और न ही हथियार उद्योग या पेट्रोकेमिकल उद्योग इस वास्तविकता के अंतर्गत आते हैं। ईश्वर ही इतिहास के सर्वोच्च अभिनेता हैं। सीरिया में शांति के लिए प्रार्थना एवं उपवास का निमंत्रण देकर संत पापा ने कलीसिया एवं समस्त विश्व को सृष्टि के आध्यात्मिक आयाम का स्मरण दिलाया है।
विदित हो कि संत पापा फ्राँसिस ने सीरिया तथा दुनिया में शांति के लिए 7 सितम्बर को एक दिवसीय प्रार्थना एवं उपवास दिन निर्धारित किया था जिसमें ख्रीस्तीयों के अलावा अन्य धर्मों के भाई बहनों ने भी सक्रिय भाग लिया।









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