2013-09-10 12:37:07

वाटिकन सिटीः ख्रीस्तीयों की आशा हैं प्रभु ख्रीस्त, सन्त पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, 10 सितम्बर सन् 2013 (सेदोक): "ख्रीस्तीयों की आशा प्रभु ख्रीस्त हैं, येसु ख्रीस्त मानव जीवन का केन्द्र हैं।"
यह बात सन्त पापा फ्राँसिस ने, मंगलवार को, वाटिकन स्थित सन्त मर्था प्रेरितिक आवास के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग के अवसर पर कही।
सन्त पापा ने कहा कि ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों का आह्वान किया जाता है कि वे बिना भय, बिना शर्म तथा कामयाबी का दम भरे बिना येसु की उदघोषणा करें। सन्त पापा ने येसु ख्रीस्त के बिना एवं उनके पुनरुत्थान के बिना ख्रीस्तीय होने का दावा करनेवालों के प्रति भी सचेत किया।
कोलोसियों के नाम प्रेषित सन्त पौल के पत्र से लिये पाठ पर चिन्तन करते हुए सन्त पापा ने कहा कि येसु विजेता हैं जिन्होंने मृत्यु एवं पाप पर विजय पाई है। उन्होंने कहा कि हम सबको सन्त पौल परामर्श देते हैं कि हम विश्वासपूर्वक येसु के साथ चलें।
सन्त पापा ने स्मरण दिलाया कि आथेन्स के ग्रीक निवासी सन्त पौल की बातों में बड़ी रुचि रखते थे तथा ध्यानपूर्वक उन्हें सुनते थे किन्तु जब सन्त ने येसु के पुनरुत्थान की बात कही तब वे पीछे हट गये क्योंकि पुनरुत्थान से उन्हें डर लगता था, पुनरुत्थान पर वे विश्वास नहीं करते थे।
सन्त पापा ने कहा, "आज भी अनेक ऐसे ख्रीस्तीय हैं जो पुनरुत्थान में विश्वास नहीं करते। वे कब्र तक येसु के साथ चलते, उनकी कब्र पर रोते और विलाप करते किन्तु उनके पुनरुत्थान में विश्वास नहीं करते।"
सन्त पापा ने कहा कि जो लोग येसु ख्रीस्त की उदघोषणा करने से डरते हैं, जिन्हें सुसमाचार की उदघोषणा करने में शर्म आती है या जो येसु के प्रचार के नाम पर ख़ुद का प्रचार करते हैं वे पुनर्जीवित ख्रीस्त एवं पुनरुत्थान में विश्वास नहीं करते।
सन्त पौल के सन्देश को दुहराते हुए सन्त पापा ने कहा कि ख्रीस्त ही हमारे जीवन का केन्द्र है, ख्रीस्त ही हमारी आशा हैं इसलिये उनमें विश्वास ही प्रलोभनों पर विजयी होने का सर्वोत्तम अस्त्र है।









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