2013-09-09 14:46:22

हिंसा और युद्ध से शांति की प्राप्ति, कदापि नहीं


वाटिकन सिटी, सोमवार 9 सितंबर,2013 (एशियान्यूज़) संत पापा फ्राँसिस ने कहा, "हिंसा और युद्ध से शांति कदापि प्राप्त नहीं की जा सकती है। मैं ईसाईयों, अन्य धर्मावलंबियों और नेक दिल वालों से अपील करता हूँ आप आवाज़ बुलन्द करें कि हिंसा और युद्ध शांति का मार्ग नहीं है।"

संत पापा ने उक्त बात उस समय कही जब 7 सितंबर को रोम के संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में शांति के लिये आयोजित सान्ध्य प्रार्थना में उपस्थित लोगों को संबोधित किया।

मालूम हो कि संत पापा ने सीरिया और मध्यपूर्वी राष्ट्रों में शांति के लिये 7 सितंबर शनिवार को एक दिवसीय प्रार्थना और उपवास का आह्वान किया था। संत पापा की अगवाई में सम्पन्न प्रार्थना सभा में ख्रीस्तीयों के अलावा हज़ारों की संख्या में अन्य धर्मावलंबी भी हिस्सा लिये।
संत पापा ने कहा, "सारी सृष्टि अच्छी है और यही हमारा घर है सद्भावना स्थल। फिर भी यह हिंसा, विभाजन, फूट और युद्धस्थल बन जाता है जब मानव अपने स्वार्थ के कारण इसकी सुन्दरता और अच्छाई पर चिन्तन करना छोड़ देता है।"
संत पापा ने कहा कि प्रिय भाइयो एवं बहनो सीरिया एवं मध्यपूर्वी राष्ट्रों तथा पूरे विश्व के लिये शांति का अर्थ है क्षमा, वार्ता, मेल मिलाप। आज शांति और मेल मिलाप के लिये प्रार्थना करने का दिन है, आइये हम मेलमिलाप और शांति के लिये प्रार्थना करें और प्रत्येक जन हर परिस्थिति में मेल-मिलाप और शांति के साधन बनें।
संत पापा ने कहा, "हिंसा और युद्ध के द्वारा बोले जाने वाले ‘मृत्यु की भाषा’ को रोकने के लिये हमें चाहिये कि हमें क्रूसित येसु की ओर देखें। यहीं हमें इसका उत्तर मिल जायेगा। हिंसा का उत्तर हिंसा से नहीं दिया जाता है। मृत्यु जवाब मृत्यु से नहीं दिया जाता है। क्रूस के मौन में अस्त्रों के शोर-गुल थम जाते हैं और मेलमिलाप, क्षमा, वार्ता और शांति की भाषा बोली जाती है।"

मालूम हो कि शनिवार को सम्पन्न सान्ध्य प्रार्थना सभा में संत पापा के संबोधन के पूर्व रोजरी माला प्रार्थना किया गया, बाईबल पाठ हुए और संबोधन के पश्चात् पूर्व संत पापाओं विशेष करके संत पापा पीयुष बारहवें, जोन तेईसवें, धन्य जोन पौल द्वितीय और बेनेदिक्त सोलहवें द्वारा लिखित शांति प्रार्थनाओं को पढ़ा गया।
समारोह सीरिया, मिश्र, येरूसालेम रूस तथा अमेरिका के प्रतिनिधियों ने एक साथ मिल कर मुख्य वेदी पर धूप चढ़ाया।










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