संत पापा ने बोलिविया के राष्ट्रपति मोराल्स से की मुलाकात
वाटिकन सिटी, शनिवार, 7 सितम्बर 2013 (सीएनएस): संत पापा फ्राँसिस ने 6 अगस्त को वाटिकन
प्रेरितिक प्रसाद में बोलिविया के राष्ट्रपति इवो मोराल्स से मुलाकात की। वाटिकन
सूत्रों के अनुसार 32 मिनटों की इस मुलाकात में बोलिविया के सामाजिक-आर्थिक और धार्मिक
परिस्थितियों तथा सीरिया एवं मध्यपूर्व में शांति को प्रोत्साहन देने पर वार्ता हुई,
जो अत्यंत सौहार्दपूर्ण रही। मुलाकात के दौरान मुख्य रुप से ‘सामाजिक असमानता और
ग़रीबी के ख़िलाफ़ संघर्ष’ तथा शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में कलीसिया का
महत्वपूर्ण योगदान, साथ ही साथ परिवारों, बच्चों एवं बुजुर्गों को सहारा देने आदि विषयों
पर चर्चा की गई। दोनों महानुभावों ने ‘कलीसिया और राज्य के बीच अच्छे संबंध की महत्ता’
पर जोर दिया। विदित हो कि मोराल्स सन् 2006 ई. से बोलिविया के राष्ट्रपति हैं तब से
ही बोलीविया की कलीसिया और सरकार के बीच तनावपूर्ण रिश्ता है। धर्माध्यक्षों एवं मोराल्स
के बीच कई मुद्दों पर टकराव होता रहा है ख़ासकर धार्मिक स्वतंत्रता, संघीय दवा नीति और
बोलिविया के पूर्वी प्रांतों के लिए स्वायत्तता विषय पर। मोराल्स ने स्थानीय कलीसियाई
धर्मगुरुओं के साथ मौख़िक रुप से झगड़ा भी किया है अपनी सरकार के विरुद्ध विरोध करने
का दोषारोपण किया तथा लैटिन अमरीकी कलीसिया अधिक्रम के सदस्यों को "लोगों को स्वतंत्र
होने से रोकने के लिए अमरीकी साम्राज्य के सबसे बड़े सहायक होने" का दोष लगाया है। मुलाकात
में बोलीविया के राष्ट्रपति ने संत पापा से बंद दरवाजे के अंदर बात करने के पूर्व कहा,"
मेरे लिए आप भाई फ्राँसिस हैं" जिसके उत्तर में संत पापा ने कहा, "ऐसा ही होना चाहिए,
ऐसा ही होना चाहिए।" वार्ता के अंत में, दोनों दलों ने एक दूसरे को उपहार भेंट किये।
संत पापा फ्राँसिस ने राष्ट्रपति को सन् 2007 ई. में ब्राज़ील के अपारेसिदा में हस्ताक्षरित
अमरीकी धर्माध्यक्षों की अंतिम दस्तावेज का एक प्रति प्रदान की तथा उस की विषय-सूची दिखायी।
उधर राष्ट्रपति मोराल्स ने संत पापा को बोलिविया की खोज की एक प्रति भेंट की। दोनों ने
सस्नेह आलिंगन कर एक दूसरे से विदा ली।