रोम, शुक्रवार 6 सितंबर, 2012 (वीआर,अंग्रेज़ी) जेस्विट जेनेरल फादर अदोल्फो निकालास
ने कहा है कि सीरिया में सैन्य कारवाई ‘शक्ति का दुरुपयोग होगा।
फादर जेनेरल
ने कहा कि वे इस संबंध में वे संत पापा फ्राँसिस की उस अपील का पूर्ण समर्थन करते हैं
है जिसमें उन्होंने लोगों को सीरिया में शांति के लिये दिवसीय प्रार्थना और उपवास करने
का आमंत्रण दिया है।
जेस्विट जेनेरल ने उक्त बात उस समय कही जब उन्होंने एक निजी
रेडियो में साक्षात्कार दिया।
उन्होंने कहा कि साधारणतः वे राजनीतिक या अंतरराष्ट्रीय
मामलों में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करने से परहेज़ करते हैं पर आज परिस्थिति ऐसी है
कि वे चुप नहीं रह सकते।
उन्होंने कहा, "मुझे यह समझ में नहीं आता कि किसने अमेरिका
और फ्राँस को यह अधिकार दिया कि वे एक ऐसे देश पर कारवाई करे जहाँ के आम लोगों ऐसे ही
अनुपात से अधिक दुःख झेल चुके हैं। सच बात तो है कि कारवाई करने से दुःखों का अन्त नहीं
होगा।
फादर निकोलास ने कहा कि सीरिया समस्या में तीन बातें दिखाई देती हैं पहली-
शक्ति का दुरुपयोग। इसे हम कह सकते हैं बड़े लड़कों द्वारा पड़ोस के बच्चों को परेशान
करना, तंग करना या धौंस जमाना। दूसरी - इस बात के अभी तक स्पष्ट प्रमाण प्राप्त नहीं
हुए हैं कि सीरिया ने रासायनिक हथियारों का प्रयोग किया । और तीसरी - इससे निर्दोष और
कमजोर को ही भारी नुकसान होगा।
उन्होंने कहा कि वे अपने पूरे जेस्विट समुदाय
के साथ शत-प्रतिशत संत पापा फ्राँसिस के साथ है और चाहते हैं कि यह सीरिया पर होने वाला
संभवित आक्रमण कदापि न हो।
उन्होंने कहा कि अमेरिका को एक ‘बड़े लड़के’ के समान
व्यवहार करना तुरन्त बन्द करना चाहिये। उन्होंने कहा अमेरिका के समर्पण, उसकी आध्यात्मिकता
और विचारों का पूरा वे पूरा सम्मान करते हैं अतः वे इस महान राष्ट्र को इस तरह की भयंकर
भूल करते नहीं देख सकते।
जेस्विट जेनेरल ने कहा कि यही बात फ्राँस के लिये भी
लागू होती है जिसने अपनी बौद्धिक क्षमता और उत्साह से समाज और संस्कृति के विकास के लिये
इतना योगदान दिया है इस तरह से खुलकर बर्बरतापूर्ण कार्य करने पर उतारु क्यो है। हम आक्रमण
से नहीं डरते हैं, हमें डर है आक्रमण के वीभत्सता से।
फादर निकोलास ने कहा कि
ये दोनों ख्रीस्तीय देश हैं, क्यों कोई अन्य शांतिपूर्ण विकल्प नहीं खोज निकालते?