झारखंड रत्न जेस्विट फादर पी.पी. वनफल का निधन - एक युग का अंत
गुमला, झारखंड वृहस्पतिवार 5 सितंबर, 2013 (उकान, डीए) वेल्जियम के आलस्ट ईस्ट फलैंडर्स
में जन्मे बहुमुखी प्रतिभाओं के धनी, झारखंड रत्न से सम्मानित समाजसेवी फादर पीटर पौल
वनफल का निधन 3 सितंबर को राँची के ओरकिड अस्पताल में हो गया। मृत्यु की खबर मिलते ही
पूरे झारखंड में, विशेषकर के उनकी कर्मभूमि गुमला में शोक की लहर दौड़ गयी।
गुमला
धर्मप्राँत के धर्माध्यक्ष पौल लकड़ा ने खबर पाते ही कहा, " फादर पी. पी.वनफल का जीवन
कलीसिया व गुमला के विकास के लिए समर्पित था। उनके निधन से पूरी कलीसिया और पूरे जिले
के लोग मर्माहत हैं। उन्होंने कहा फादर वनफल द्वारा दिया गया संत इग्नासियुस परिसर में
‘ट्राइबल म्यूजियम’ गुमला के लोगों को उनकी हमेशा याद दिलाता रहेगा।"
संत इग्नासियुस
हाई स्कूल, गुमला के प्राचार्य फादर एरेनसियुस ने कहा, "फादर वनफल का निधन एक अपूरणीय
क्षति है। संत इग्नासियुस स्कूल के कण-कण में फादर वनफल का स्मृति शेष रहेगी।
फादर
वनफल ने शिक्षा विकास और खेल के क्षेत्र में झारखंड की छिपी प्रतिभाओं को निखारकर अंतर
राष्ट्रीय पहचान दिलाने का काम किया है। गरीबों के मसीहा फादर वनफल ने विकास के साथ साथ
नैतिक शिक्षा के लिए जीवन प्रवेश, ग्रामीण विकास के लिए ‘एराउज’ की स्थापना की और संस्कृति
की रक्षा के लिए आदिवासी संग्रहालय बनवाया जिससे झारखंड की जनता सदैव प्रेरणा प्राप्त
करती रहेगी।
4 सितंबर बुधवार को गुमला के अपोस्तोलिक स्कूल परिसर में स्थित कब्रस्थान
में फादर पीटर पौल बनफल की दफ़न क्रिया सम्पन्न हुआ। दफ़न क्रिया के पूर्व हुए पवित्र
ख्रीस्त्याग में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया और उनकी आत्मा की शांति के लिये प्रार्थनायें
की तथा फूल माला चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्रद्धांजलि देने वालों में राँची
जेस्विट प्रोविंस के प्रोविन्शियल फादर जेवियर सोरेंग विधायक कमलेश उरांव, उप विकास आयुक्त
पुनई उरांव, मांडर के विधायक बंधु तिर्की, बिशुनपुर के विधायक चमरा लिंडा, पूर्व विधायक
भूषण तिर्की, नागपुरी साहित्यकार साहनी उपेंद्र पाल सिंह नहन, सेवानिवृत्त शिक्षक यमुना
पाठक, खेल प्रशिक्षक सुशील वर्मा, पूर्व छात्र सह पूर्व महालेखाकार बेंजामिन लकड़ा, ज्योति
संघ के अध्यक्ष बदरी गुलशन, युवक कांग्रेस के अध्यक्ष राजनील तिग्गा तथा सैयद जुन्नू
रैन, हफीज उर रहमान, आदि प्रमुख थे।
मालूम हो कि बेल्जियम निवासी फादर वनफल
10 जनवरी 1953 को वेल्जियम छोड़ भारत आये थे। रांची के संत जेवियर्स कालेज में पीटर ने
हिन्दी भाषा की पढ़ाई की। रांची के संत मरिया महागिरजा रांची में बिशप स्तानिस्लास तिग्गा
द्वारा 24 मार्च 1961 में उनका पुरोहिताभिषेक हुआ था।
फादर बनफल ने गुमला के 48
साल के प्रवास में जिले के इतिहास में कई स्वर्णिम अध्याय जोड़ने का काम किया। 1974 ई
में फादर पीटर पाल वनफल ने संत इग्नासियुस हाई स्कूल गुमला के प्रधानाध्यापक का पदभार
संभाला। कार्यकाल के दौरान गुमला में बेहतर शिक्षा का बीजारोपण किया।
संयुक्त
बिहार के दौरान राज्य भर में मैट्रिक की सर्वश्रेष्ठ परीक्षा परिणाम के लिए तत्कालीन
मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा ने वर्ष 1877 में उन्हें सम्मानित किया था।
1978
में उन्होंने गुमला में अखिल भारतीय ग्रामीण खेल कूद की स्थापना की और खेल के क्षेत्र
में भी गुमला को अन्तरराष्ट्रीय पहचान दिलाई।
इसी बीच युवाओं में नैतिक शिक्षा
के विकास के लिए वर्ष 1977 में जीवन प्रवेश एवं ग्रामीण विकास के लिए ‘एराउज’ नामक संस्था
की शुरूआत की। वर्ष 1987 में संत इग्नासियुस स्कूल से सेवानिवृत्त होने के बाद समाज सेवी
संस्था ‘एराउज’ के निदेशक बने।
1993 संत इग्नासियुस स्कूल ने उजबेगिस्तान की
फुटबॉल टीम को हरा कर सुब्रतो कप पर कब्ज़ा जमाया था। उसी वर्ष जूनियर और सीनियर हॉकी
कप भी पाने का गौरव संत इग्नासियुस स्कूल को मिला था। उन्होंने वर्ष 2005 में जनतातीय
संग्रहालय की स्थापना कर गुमला को एक अनमोल उपहार दिया।
मालूम हो कि सन् 2006
में शिक्षा और विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये फादर पी.पी बनफल को बेल्जियम
देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘नाइट ऑफ द क्राउन ऑर्डर’ सम्मानित किया गया था तत्कालीन
बेल्जियम प्रधानमंत्री गेय वेरहेसताद ने खुद दिल्ली आकर फादर वनफल को यह पुरस्कार प्रदान
किया था।