वाटिकन सिटीः समुदाय के सदस्यों की बुराई करना हत्या करना है, सन्त पापा फ्रांसिस
वाटिकन सिटी, 03 सितम्बर सन् 2013 (सेदोक): "जहाँ ईश्वर हैं वहाँ घृणा एवं ईर्ष्या का
कोई अस्तित्व नहीं। वहाँ वह बकवाद नहीं जो भाई की हत्या करती है," यह बात सन्त पापा फ्राँसिस
ने सोमवार को वाटिकन स्थित सन्त मर्था प्रेरितिक आवास में ख्रीस्तयाग के अवसर पर कही।
नाज़रेथ के लोगों के साथ येसु की मुलाकात सम्बन्धी सन्त लूकस रचित सुसमाचार के पाठ
पर चिन्तन करते हुए सन्त पापा ने कहा, "नाज़रेथ के लोग येसु की गतिविधियों पर नज़र रखे
हुए थे किन्तु वे उनसे किसी चमत्कार की अपेक्षा करते थे, येसु में विश्वास करने के लिये
वे किसी प्रकार का प्रदर्शन अथवा तमाशा देखना चाहते थे। अस्तु, जब येसु ने कहा कि उनमें
विश्वास की कमी है तब वे आग बबूला हो उठे। वे वहाँ से उठ गये तथा येसु को पर्वत तक ले
जाने लगे ताकि उन्हें नीचे गिरा सकें और मार डालें।" सन्त पापा ने कहा कि यह बहुत
ही रुचिकर तथ्य है कि लोग कुछ समय पूर्व येसु की प्रशंसा कर रहे थे और थोड़ी देर बाद
वे लोग ही उन्हें मार डालना चाहते थे। उन्होंने कहा कि यह दो हज़ार साल पहले हुई
घटना नहीं है बल्कि आज भी हमारे जीवन में प्रतिदिन घटती रहती है। सामुदायिक जीवन का उदाहरण
देकर उन्होंने कहा कि पहले-पहल समुदाय के अध्यक्ष को सब कोई पसन्द करते हैं, उसकी सराहना
करते हैं किन्तु शनैः शनैः उसकी बुराई में लग जाते हैं। सन्त पापा ने कहा कि जो व्यक्ति
"समुदाय के सदस्यों अथवा अपने ही भाइयों की बुराई करते हैं उनकी मंशा हत्या करने की है।"
उन्होंने कहा, "जो व्यक्ति अपने हृदय के अन्तस्थल में अपने भाई के प्रति घृणा को पालता
है वह हत्यारा है।"