असम, सोमवार 2 सितंबर, 2013 (उकान) असम डॉन बॉस्को युनिवर्स्टि ‘अडबु’ ने अपनी योजना
में दवा और अरोमिक अर्थात् सुगंधित पौधों के अध्यय़न के लिये एक विभाग खोलने का निर्णय
किया है ताकि इससे आम कृषकों की आय वृद्धि हो सके। अदबु के समाज विज्ञान विभाग की
योजना के अनुसार गौहाटी के बाह्य क्षेत्र में तपेशिया चाय बागान क्षेत्र में एक रिसर्च
केन्द्र खोला जायेगा। इस योजना के अनुसार अनुसंधान केन्द्र खोलने से स्थानीय लोगों को
रोज़गार मिलेंगे और स्थानीय लोगों को जो परंपरागत खेती करते हैं दवा और सुगंधित पौधों
की खेती करने का प्रोत्साहन दिया जायेगा। युनिवर्सिटी के कुलपति फादर स्तीफन मयेलि
ने कहा कि वे चाहते हैं कि एक ऐसी जगह बनायी जाये जहाँ ग्रामीण अपनी वस्तुओं को स्थानीय
बाज़ार में बेच सकेंगे और आर्थिक रूप से मजबूत हो पायेंगे। फादर स्तीफन ने यह भी
बतलाया कि युनिवर्सिटी ने एक योजना बनायी है जिसके तहत् खाद्य और पौध प्रौद्योगिकी के
लिये एक विभाग खोलेगी जिसमे चाय प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान केन्द्र भी
होंगे।
फादर ने बतलाया कि दवा के पौधे तपेसिया में लगाये जायेंगे जिनका परीक्षण
अनुसंधानशालाओं में सम्पन्न होगा। स्थानीय कृषकों को भी दवा के पौधों की खेती के लिये
प्रोत्साहित किया जायेगा और उनके सामानों को दवाई कम्पनियों को बेचा जा सकेगा। ऐसा होने
से स्थानीय कृषकों को सीधा लाभ मिलेगा।
इसके साथ विभिन्न फलों जैसे आम, नारंगी,
अमरूद, नारियल और नीँबू की भी खेती की जा सकेगी। मालूम हो कि युनिवर्सिटी कैम्पस में
ही 250 एकड़ जमीन है जहाँ चाय की खेती की जाती है।