मुम्बईः साजन जॉर्ज को मिला "मार्टिन लूथर किंग" पुरस्कार
मुम्बई, 28 अगस्त सन् 2013 (एशियान्यूज़): "मार्टिन लूथर किंग जूनियर शांतिदूत पुरस्कार
इस वर्ष भारत के ख्रीस्तीय नेता साजन के. जॉर्ज को, निर्धनों एवं मानवाधिकारों के पक्ष
में सम्पादित उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिये दिया गया है। ग्लोबल काऊन्सल ऑफ इन्डियन
क्रिस्टियन्स (जीसीआईसी) के अध्यक्ष साजन के. जॉर्ज समय- समय पर धार्मिक स्वतंत्रता एवं
मानवाधिकारों के प्रतिष्ठापन हेतु अपनी आवाज़ बुलन्द करते रहे हैं। भारत में हिन्दु चरमपंथियों
के अत्याचार तथा अल्पसंख्यकों के अधिकारों के उल्लंघन के विरुद्ध कई अवसरों पर उन्होंने
अपनी आवाज़ उठाई है। मार्टिन लूथर किंग द्वारा स्थापित अमरीकी नागर अधिकार संगठन
"द सदर्न क्रिस्टियन एन्ड लीडरशित कॉन्फरेन्स" तथा भूतपूर्व सोवियत संघ के राष्ट्रपति
मिखाएल गोर्बाचोफ द्वारा उक्त शांति पुरस्कार की स्थापना की गई थी। इस वर्ष यह पुरस्कार
"मार्टिन लूथर किंग" द्वारा 28 अगस्त, सन् 1963 को, नस्लवाद के विरुद्ध, वाशिंगटन में
सम्पन्न शांति प्रदर्शन की 50 वीं वर्षगाँठ के साथ मेल खाता है। 50 वीं वर्षगाँठ मनाने
हेतु अमरीका के "द सदर्न क्रिस्टियन एन्ड लीडरशित कॉन्फरेन्स" संगठन ने, सात दिवसीय समारोहों
का आयोजन किया है जो 28 अगस्त को वाशिंगटन में आयोजित समारोह से समाप्त होगा। भारत
के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी से प्रेरित होकर, सन् 60 के दशक में, मार्टिन लूथर किंग
ने अमरीका में व्याप्त नस्लवाद के विरुद्ध, अहिंसा के माध्यम से, अपनी लड़ाई लड़ी तथा
अमरीका के अफ्रीकी नागरिकों को उनके मूलभूत अधिकार दिलवाये। उनका संघर्ष वाशिंगटन
स्थित लिन्कन मेमोरियल पर अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँचा जहाँ डॉ. मार्टिन लूथर किंग ने "अश्वेत
लोगों के लिये नौकरियों एवं स्वतंत्रता" की मांग करते हुए अपना शांति मार्च समाप्त किया
था तथा "आई हेव ए ड्रीम" यानि मेरा एक सपना है" शीर्षक से अपना प्रसिद्ध प्रभाषण जारी
किया था।