दमिश्कः सिरिया पर कारर्वाई हेतु अन्तरराष्ट्रीय समुदाय में मतभेद
दमिश्क, 27 अगस्त सन् 2013 (एशियान्यूज़): सिरिया में नागरिकों पर रासायनिक हथियारों
से आक्रमण की जाँच हेतु सोमवार को संयुक्त राष्ट्र संघ के विशेषज्ञ दल ने अपना काम शुरु
कर दिया किन्तु अन्तरराष्ट्रीय समुदाय में सिरियाई सरकार पर कारर्वाई को लेकर मतभेद बने
हुए हैं। विगत सप्ताह सिरिया में रासायनिक अस्त्रों से हमलों के बाद, एक ओर, अमरीका
सीरिया के ख़िलाफ़ सैनिक कार्रवाई की तैयारी कर रहा है तो दूसरी ओर रूस, चीन, ईरान एवं
सीरिया के सहयोगी देशों ने सीरिया के ख़िलाफ़ किसी भी तरह की सैनिक कार्रवाई किए जाने
के प्रति सचेत किया है। सिरिया के विपक्षी दलों के अनुसार उत्तरी दमिश्क के घौता
क्षेत्र में किये रासायनिक हमले में कम से कम 1,300 लोग मारे गये हैं तथा मेडेसिन सान्स
फ्रान्तियर्स लोकोपकारी संस्था ने कहा है कि शनिवार के रासानियक हमले के बाद अस्पताल
में भर्ती 355 लोगों में न्यूरोटोक्सिन विषैले पदार्थ के लक्षण पाये गये। सीरियाई
सरकार ने रासायनिक हमले के आरोपों से इनकार किया है तथा इन हमलों के लिए विरोधियों को
ज़िम्मेदार ठहराया है। इस बीच, अमरीका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने सोमवार को एक
प्रेस वार्ता में कहा कि सीरिया में निस्संदेह रासायनिक हथियारों का प्रयोग हुआ है। उन्होंने
कहा कि अमरीका के पास इस मामले में और अधिक जानकारियां हैं जिन्हें बाद में सार्वजनिक
किया जाएगा। केरी ने कहा, विगत सप्ताह सिरिया में जो हुआ वह सभी नैतिकताओं का हनन है।
दूसरी ओर, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लवारोफ़ ने सोमवार को पत्रकारों से कहा कि अभी
तक पश्चिमी देशों को इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि सीरियाई सेना ने रासायनिक हथियारों
का प्रयोग किया था। उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सहमति के
बिना सीरिया के ख़िलाफ़ बल प्रयोग "अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का खुला उल्लंघन" होगा।