नई दिल्लीः इताली सैनिकों के प्रकरण में हस्तक्षेप से कलीसिया ने किया इन्कार
नई दिल्ली, 26 अगस्त सन् 2013 (ऊका समाचार): भारत की काथलिक कलीसिया ने इताली सैनिकों
के प्रकरण में हस्तक्षेप से मना कर दिया है। 15 फरवरी सन् 2012 को केरल के समुद्र
तट से गुजरते इताली पोत "एनरिका लेक्सी" से दो इताली नौसैनिक मास्सिमिलियानो लात्तोरे
और साल्वातोरे जिरोने ने स्थानीय मछुओं की नाव पर गोली चालन कर दिया था जिसमें दो मछुओं
की हत्या हो गई थी। दोनों मछुए काथलिक धर्मानुयायी थे। इस मामले में भारत की राष्ट्रीय
जाँचकर्त्ता एजेन्सी एनआईए (निया) ने चार इताली नौसैनिकों को गवाही देने के लिये बुलाया
है। इताली नौसैनिकों ने गवाही देने के लिये भारत जाने से इनकार कर दिया है। सूत्रों
के अनुसार केन्द्रीय सरकार ने इन नौसैनिकों की गवाही प्राप्त करने के लिये कलीसिया से
मदद का प्रयास किया था तथा दो वरिष्ठ काथलिक नागर उच्चाधिकारियों को इसका जिम्मा सौंपा
था किन्तु भारतीय काथलिक कलीसिया ने हस्तक्षेप से मना कर दिया है। भारतीय काथलिक
धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के एक वरिष्ठ पुरोहित ने ऊका समाचार से कहा, "सरकार ने काथलिक
कलीसिया से मदद का प्रयास किया था किन्तु हमने अब इस मामले में हस्तक्षेप न करने का निर्णय
लिया है।" मार्च माह में भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन पर आरोप लगाया गया था
कि वह पीड़ितों के परिवारों से मिलकर अदालत के बाहर किसी प्रकार के समझौते का प्रयास
कर रहा था। कुछेक पुरोहितों से मुलाकात के बाद हत्या के शिकार मछुओं के परिवार दस लाख
रुपये क्षतिपूर्ति लेने पर तैयार हो गये थे। काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के पुरोहित
ने कहा, "हम पहले ही बिना किसी ग़लती के, इस मामले में अपने हाथ जला चुके हैं।" उन्होंने
कहा, "जिस प्रकार काथलिक होने के नाते हमारी आध्यात्मिक निष्ठा सन्त पापा के प्रति है
उसी प्रकार भारत के नागरिक होने के नाते भारत के प्रति भी हमारी पूर्ण निष्ठा है।"
पुरोहित ने कहा, "हमें इसकी परवाह नहीं कि फैसला अदालत के बाहर हो या अदालत में सबसे
महत्वपूर्ण है कि हत्या के शिकार व्यक्तियों को न्याय मिले।"