ओडिशाः 2008 की ख्रीस्तीय-विरोधी हिंसा की बरसी से पूर्व कन्धामाल में पुलिस सुरक्षा
हुई सघन
ओडिशा, 22 अगस्त सन् 2013 (ऊका समाचर): ओडिशा के कन्धमाल ज़िले में 2008 की ख्रीस्तीय-विरोधी
हिंसा की बरसी से पूर्व अधिकारियों ने पुलिस सुरक्षा कड़ी कर दी है। कन्धामाल ज़िलाधीश
तिरुमला नायक ने बताया कि ज़िले में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के लिये
अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि ख्रीस्तीयों के विरुद्ध
किसी प्रकार की धमकी नहीं मिली है किन्तु ऐहतियातन सुरक्षा कड़ी की जा रही थी। 25
अगस्त, सन् 2008 को एक हिन्दु नेता की हत्या के उपरान्त भड़की ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा
में कम से कम 100 ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों की हत्या हो गई थी। सात सप्ताहों तक चली हिंसा
में हिन्दु चरमपंथियों ने ख्रीस्तीयों के गिरजाघरों, मिशन केन्द्रों, अस्पतालों, मकानों
एवं आश्रमों को आग के हवाले कर दिया था। एक कातलिक धर्मबहन की सरेआम इज्ज़त लूटी गई थी,
एक कातलिक पुरोहित पर जानलेवा हमला किया गया था तथा कई पुरोहितों के साथ मार पीट की गई
थी। हिंसा के परिणामस्वरूप कन्धामाल तथा इर्द-गिर्द के गाँवों से लगभग 50,000 ख्रीस्तीयों
ने अन्यत्र पलायन कर लिया है तथा हज़ारों अभी भी शरणार्थी जीवन यापन को बाध्य हैं। कन्धामाल
के ख्रीस्तीयों का कहना है कि अधिकारियों द्वारा दिये गये आश्वासन के बावजूद, पाँच वर्ष
बाद आज भी वे अपनी सुरक्षा के लिये भयभीत हैं। इस बीच, भूबनेश्वर के पुरोहित फादर
अजय कुमार सिंह ने बताया कि ख्रीस्तीय धर्मानुयायी उक्त बरसी को शांतिपूर्ण कार्यक्रमों
द्वारा मनायेंगे जिनमें कार्यशिविरों के अलावा 30 अगस्त को कन्धामाल के फूलबनी में एक
शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया जायेगा तथा 2008 की हिंसा के शिकार लोगों के लिये न्याय की
मांग की जायेगी।