2013-08-21 15:24:00

टाकायामा उकोन की धन्य घोषणा संबंधी आवश्यक प्रार्थना-पत्र पूर्ण


ओसाका, बुधवार, 21 अगस्त 2013 (एशियान्यूज़): जापान की कलीसिया ने 16 वीं शताब्दी में जापान में मनपरिवर्तन के पश्चात ख्रीस्तीय धर्म फैलाने के अग्रणी टाकायामा उकोन की धन्य घोषणा संबंधी आवश्यक प्रार्थना-पत्र पूर्ण कर लिया है।
जापान धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने विषय की सभी जानकारियों समेत 400 पन्नों के प्रार्थना- पत्र को संत घोषणा संबंधी परम धर्मपीठीय समिति को सौंप दिया है। आशा की जा रहा है कि टाकायामा उकोन की मृत्यु के 400 वें वर्षगाँठ पर वर्ष 2015 ई. में उनकी धन्य घोषणा की जाएगी।
विदित हो कि टाकायामा उकोन का जन्म सन् 1552 ई. में ओसाका के सावा दुर्ग में हुआ था। पिता एवं पुत्र दोनों ही डेम्यो अथार्त सामांत थे जो शाही अदालत से नियुक्त किये गये थे। टाकायामा उकोन ने 12 वर्ष की आयु में अपने पिता के साथ ख्रीस्तीय धर्म स्वीकार कर लिया था।
सन् 1587 ई. में हिडेयोशी ने पाश्चात्य धर्मो पर प्रतिबंध लगाया किन्तु कई सामांतों ने अपने काथलिक धर्म को बनाये रखा। टाकायामा उकोन एवं उनके पिता ने विश्वास के लिए अपनी जन्म भूमि एवं सम्मान का परित्याग कर निर्वासन स्वीकार किया तथा 300 काथलिकों की अगुवाई की। निर्वासन के 40 दिनों बाद 4 फरवरी सन् 1615 ई.में उसकी मृत्यु हो गयी।









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