2013-08-15 08:38:02

नई दिल्लीः धर्मनिर्पेक्ष राष्ट्र भारत साम्प्रदायिक विचारधाराओं से पराजित नहीं हो सकता, प्रधान मंत्री


नई दिल्ली 15 अगस्त सन् 2013 (पीटीआई): भारतीय स्वतंत्रता के 67 वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने देहली के लाल किले की प्राचीर से गुरुवार को राष्ट्रीय ध्वज फहराया तथा इस अवसर पर कहा कि धर्मनिरपेक्ष भारत साम्प्रदायिक विचारधाराओं से पराजित नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा, "आधुनिक, प्रगतिशील तथा धर्मनिर्पेक्ष देश भारत में संकीर्ण एवं साम्प्रदायिक विचारधाराओं के लिये कोई जगह नहीं है।"
प्रधान मंत्री ने कहा, "हमें अपने राष्ट्र की उन परम्पराओं को मज़बूत करने की ज़रूरत है जो हमें सहिष्णुता तथा अपने से अलग विचारों का सम्मान करना सिखलाती हैं।"
देश की समस्त राजनैतिक पार्टियों तथा समाज के हर वर्ग से श्री मन मोहन सिंह ने अनुरोध किया कि वे इस दिशा में कार्य करने का हर सम्भव प्रयास करें। उन्होंने कहा, "साम्प्रदायिक झगड़े हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को भारी नुकसान पहुँचाते हैं। हम खुशहाली की नीति लेकर चलें जिसमें देश का हर नागरिक शामिल हो। हमारी विकास की नीति में हर जाति, हर मजहब और हर क्षेत्र के लोग शामिल हैं।"
67 वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में किये अपने प्रभाषण में प्रधान मंत्री ने उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि पूरा देश उत्तराखंड में पीड़ितों के साथ है। मनमोहन सिंह ने सिंधुरक्षक पनडुब्बी हादसे में मारे गए नौसैनिकों के प्रति भी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने बिहार मिड-डे मील हादसे पर भी दुख जताया तथा सभी पीड़ितों के परिजनों के प्रति गहन सहानुभूति का प्रदर्शन किया।
प्रधान मंत्री ने इस अवसर पर यूपीए सरकार की उपलब्धियों का बखान किया हालांकि कहा कि अभी बहुत कुछ करना शेष है। उन्होंने आर्थिक संकट पर कहा, "यह सच है कि देश आर्थिक संकटों से जूझ रहा है, लेकिन यह केवल भारत के लिए ही नहीं है ऐसा पूरी दुनिया में हुआ है। मुझे उम्मीद है कि देश जल्दी ही आर्थिक संकट से बाहर निकल जाएगा।" खाद्य सुरक्षा कानून का उन्होंने ज़िक्र किया तथा आशा व्यक्त की कि शीघ्र ही यह संसद में पास हो सकेगा।
प्रधान मंत्री ने महिलाओं एवं गरीबों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आशावासन दिया तथा पड़ोसी देशों के साथ मधुर संबंन्धों की मंशा व्यक्त की। पाकिस्तान को भी उन्होंने चेतावनी दी कि वह अपनी ज़मीन का दुरुपयोग भारत के खिलाफ नहीं होने दें।










All the contents on this site are copyrighted ©.