2013-08-06 18:53:47

हिरोशिमाः परमाणु बम मानवाजति पर एक "भयावह घाव", कार्डिनल टर्कसन


हिरोशिमा, 06 अगस्त, सन् 2013 (सेदोक): वाटिकन के वरिष्ठ धर्माधिकारी कार्डिनल पीटर टर्कसन ने कहा है कि हिरोशिमा पर परमाणु बम हमला मानवजाति पर किया एक "भयावह घाव" है।
हिरोशिमा तथा नागासाकी पर संयुक्त राज्य अमरीका द्वारा परमाणु हमलों की 68 वीं बरसी के लिये सन्त पापा फ्राँसिस के विशेष दूत रूप में जापान की यात्रा कर रहे, न्याय एवं शांति सम्बन्धी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल टर्कसन ने, मंगलवार 06 अगस्त को, हिरोशिमा स्थित शांति स्मारक पर एक अन्तरधार्मिक प्रार्थना सभा में भाग लिया।
इस अवसर पर कार्डिनल महोदय ने कहा कि हिरोशिमा पर परमाणु हमला जापान के लोगों पर ही नहीं अपितु सम्पूर्ण मानवजाति किया गया एक "भयावह घाव" है।
कार्डिनल महोदय ने कहा, "काथलिक विश्वास के अनुसार, ईश्वर ने मानव की सृष्टि जीवन, स्वतंत्रता तथा सुख के लिये की। तथापि, इस धरती पर प्रायः हमारी नियति पीड़ा से भरी प्रतीत होती है जिसे हम दण्ड अथवा क्रूर भाग्य कहकर सह लेते हैं" किन्तु, उन्होंने कहा, "इस प्रकार की निरर्थक पीड़ा अन्ततः हमें पराजित कर सकती है।"
कार्डिनल टर्कसन ने स्मरण दिलाया कि सन् 1981 में धन्य सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय ने युद्ध जनित और, विशेष रूप से, परमाणु बम द्वारा उत्पन्न पीड़ा को मानव पाप का फल तथा बुराई की सक्रियता का परिणाम निरूपित किया था। सन्त पापा फ्राँसिस ने इसी प्रकार का स्पष्टीकरण किया हैः "परमाणु शक्ति का होना मानवजाति के विनाश का कारण बन सकता है। जब मनुष्य घमण्डी बन जाता है तब वह अतिक्रूर पिशाच व्यक्ति में परिणत हो जाता है जिसे बस में करना असम्भव हो जाता है।"
कार्डिनल महोदय ने सभी का आह्वान किया कि हिरोशिमा की स्मृति में वे एकात्मता की भावना में सहयोग कर यथार्थ शांति निर्माण में योगदान प्रदान करें।








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