सच्चा धन दूसरों को बांटा गया ईश्वर का प्यार है, संत पापा फ्राँसिस
वाटिकन सिटी, सोमवार, 5 अगस्त 2013 (सेदोक): रोम स्थित संत पेत्रुस महागिरजा घर के प्राँगण
में, रविवार 4 अगस्त को देवदूत प्रार्थना के पूर्व उपस्थित भक्त समुदाय को सम्बोधित कर
संत पापा फ्राँसिस ने कहा, अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात, पिछले रविवार
को मैं रियो दे जानेरो में था। विश्व युवा दिवस का समापन पावन ख्रीस्तयाग द्वारा सम्पन्न
हुआ। मैं इस शुभावसर पर ब्राजील, लातीनी अमेरिका तथा पूरी दुनिया के हेतु ईश्वर के महान
वरदान के लिए आप सभी के साथ ईश्वर को धन्यवाद देना चाहता हूँ। महाद्वीपों के पार ख्रीस्त
के क्रूस के साथ यह तीर्थयात्रा युवाओं का एक नया प्रयास था। हमें कभी नहीं भूलना चाहिए
कि विश्व युवा दिवस एक ‘आतिशबाजी’ के समान पल पर का उत्साह नहीं है जो अपने आप समाप्त
हो जाता है किन्तु लम्बी अवधि की यात्रा है जो सन् 1985 ई. में धन्य संत पापा ज़ोन पौल
द्वितीय की पहल द्वारा आरम्भ हुई। उन्होंने युवाओं को क्रूस सौंपते हुए कहा था, "तुम
जाओ और मैं तुम्हारे साथ चलूँगा," और यह ऐसा ही हुआ। युवाओं की यह तीर्थयात्रा संत पापा
बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा निरंतर आगे बढ़ा तथा मैं ईश्वर को धन्यवाद देता हूँ क्योंकि
मैंने ब्राजील में इसका अनुभव किया। हम निरंतर याद रखें युवा संत पापा का अनुसरण नहीं
करते वरन क्रूसित येसु का अनुसरण करते तथा विश्वास और आशा की इस यात्रा में संत पापा
उनका मार्गदर्शन करते एवं उनका साथ देते हैं। उन सभी युवाओं को धन्यवाद जिन्होंने विश्व
युवा दिवस में त्याग करते हुए भाग लिया। साथ ही, मैं ईश्वर को उन सभी लोगों के लिए भी
धन्यवाद देना चाहता हूँ ब्राजील में जिन लोगों से मेरी मुलाकात हुई; पुरोहितों, नेताओं
एवं स्वयं सेवकों। जिन लोगों ने विश्वास के इस महोत्सव के लिए अपना सहयोग दिया है ईश्वर
उन सभी को पुरस्कार प्रदान करे। मैं सभी ब्राजील वासियों को भी अपनी कृतज्ञता व्यक्त
करता हूँ। ब्राजील की उदार जनता द्वारा विशाल हृदय के साथ स्वागत, शुभकामनाओं, एवं सत्कार
को मैं कभी नहीं भूल सकता। मैं उनके लिए ईश्वर से प्रचुर आशीष की कामना करता हूँ। संत
पापा ने विश्व युवा दिवस के प्रतिभागी युवाओं के लिए प्रार्थना की कि वे उस अनुभव द्वारा
अपने दैनिक जीवन में प्रतिदिन ईश्वर का प्रत्युत्तर दें, अपने जीवन के महत्वपूर्ण निर्णयों
के क्षण में भी। आज की धर्मविधि में हम उपदेशक ग्रंथ के उत्तेजक वचन को सुनते हैं जो
कहता है, "व्यर्थ ही व्यर्थ सब कुछ व्यर्थ"(1:2) ख़ासकर युवा सांसारिक वस्तुओं एवं मूल्य
से अक्सर प्रभावित रहते हैं। दुर्भाग्य वश, उन्हें इसका परिणाम भुगतना पड़ता है। इसके
विपरीत, जीवन्त ईश्वर से मिलना, उनके बृहद परिवार कलीसिया, हमारे हृदय को आनन्द से भर
देती है क्योंकि वह सच्चा जीवन प्रदान करता है। वह एक गहरा कुआँ है जो कभी नहीं सूखता
और न कभी दुर्गध आती। हम ने रियो के युवकों के चेहरे पर इसे देखा है किन्तु इस अनुभव
को दैनिक असारता से होकर गुजरना है शून्यता का ज़हर हमारे समाज के अंदर प्रवेश करती है
मुनाफा एवं अधिक पाने की लालसा उपभोक्तावाद के रूप में युवाओं को धोखा देती है। संत
पापा ने कहा, "इस रविवार का सुसमाचार पाठ याद दिलाता है कि धन से प्राप्त होनेवाली खुशी
मूर्खता है। धनी आदमी अपने आप से कहता है कि ‘हे मेरी आत्मा तुम्हारे पास पर्याप्त धन
है, खाओ पीयो और मौज-मस्ती करो। किन्तु ईश्वर कहता है, मूर्ख आज रात तुम्हारी आत्मा तुम
से ले ली जायेंगी, तब तुमने जो अर्जित किया है वह किसका होगा? (लूक.12:19-20) प्रिय भाइयो
एवं बहनो, सच्चा धन दूसरों को बांटा गया ईश्वर का प्यार है। वह प्यार जो ईश्वर से आता
है तथा दूसरों को मदद कर हम उसे बाँटते हैं। जो इस प्यार का अनुभव करते वे मृत्यु से
नहीं डरते तथा हृदय की शांति प्राप्त करते हैं। ईश्वर के प्यार को ग्रहण करने एवं उसके
भाई बहनों को बांटने के इस निवेदन को हम कुवाँरी मरिया की मध्यस्थता में सौंप दें।"
इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत का पाठ किया एवं अपना प्रेरितिक
आशीर्वाद दिया। तत्पश्चात विश्वासियों को संबोधित कर कहा, मैं आप सभी का अभिवादन
करता एवं धूप के बावजूद आपकी उपस्थिति के लिए धन्यवाद देता हूँ। उसके बाद संत पापा
ने देश-विदेशों के सभी तीर्थयात्रियों, पर्यटकों विभिन्न भाषा-भाषियों का अभिवादन करते
हुए उन्हें धन्यवाद दिया। संत पापा ने सभी पल्ली पुरोहितों को सम्बोधित कर कहा, "मैं
विश्व के सभी पल्ली पुरोहितों को विशेष याद करता हूँ क्योंकि आज उनके संरक्षक संत; संत
जोन मेरी वियानी का पर्व है। प्रिय भाइयो हम प्रार्थना एवं उदार प्रेरिताई में एक साथ
जुड़े हैं। कल रोमवासी अपनी संरक्षिका माता मरियम की याद करते हैं। हम माता मरियम
से प्रार्थना करें कि वह हमारी देखभाल करे। हम उनको प्रणाम करते हुए एक साथ ‘प्रणाम मरिया’
प्रार्थना को दुहराये। हम ताली बजाकर माता मरिया का आदर करें। मैं धर्मविधि पंचांग
के अनुसार कल येसु के रूपांतरण के पर्व की याद करता हूँ संत पापा जोन पौल 6वें के प्रति
गहन श्रद्धा व्यक्त करता हूँ जो 35 वर्षों पूर्व 6 अगस्त को परलोक सिधर गये। अंत
में संत पापा ने सभी को शुभ रविवार की मंगल कामना अर्पित किया।